किसान तक , 17 अगस्त इसमें कोई शक नहीं कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा दलहन उत्पादक है. लेकिन, इसमें भी कोई शक नहीं है कि हम बड़े दाल आयातक भी हैं. सवाल यह है कि ऐसा विरोधाभास क्यों? जवाब यह है कि बढ़ती जनसंख्या की जरूरतों को पूरा करने के लिए दलहन फसलों की जितनी खेती होनी चाहिए थी, उस गति से रफ्तार नहीं बढ़ी. आजादी के बाद से ही...
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नेफेड ने खरीदा 19.47 लाख टन चना, दालों की कीमतें नियंत्रित रखने में कितनी कारगर रहेगी यह रणनीति
रूरल वॉयस, 16 मई केंद्र सरकार की नोडल एजेंसी भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नेफेड) प्राइस सपोर्ट स्कीम (पीएसएस) के तहत आक्रामक तरीके से चना की सरकारी खरीद कर रहा है। चालू रबी मार्केटिंग सीजन 2023-24 में अब तक 19.47 लाख टन से ज्यादा चना की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर की जा चुकी है। पिछले रबी मार्केटिंग सीजन में करीब 26 लाख टन चना की खरीद नेफेड ने...
More »हरियाणा सरकार का बड़ा कदम, अब पराली न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने की तैयारी
दैनिक जागरण, 12 अक्टूबर हरियाणा में पराली (धान के फसल अवशेष) के निस्तारण के लिए प्रदेश सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है। किसानों को फसल अवशेष जलाने से रोकने के लिए अब पराली को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीदने की तैयारी है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इसके लिए अधिकारियों को योजना बनाने के निर्देश दिए हैं। राज्य में अभी 14 फसलोंं की एमएसपी पर हो रही है खरीद हरियाणा में वर्तमान...
More »चालू खरीफ सीजन में रिकार्ड 15.05 करोड़ टन खाद्यान्न उत्पादन का अनुमान तिहलन और मोटे अनाजों का उत्पादन घटेगा
-रूरल वॉइस, चालू खरीफ सीजन 2021-22 में रिकार्ड 15.05 करोड़ टन खाद्यान्न उत्पादन होने का अनुमान है। लेकिन मोटे अनाजों और तिलहनों का उत्पादन पिछले साल से कम रहेगा। वहीं दालों का उत्पादन पिछले खरीफ सीजन से अधिक रहने का अनुमान है। कृषि मंत्रालय द्वारा मंगलवार को जारी किए गये खरीफ सीजन के उत्पादन के पहले आरंभिक अनुमानों में यह जानकारी दी गई है। मंत्रालय का कहना है कि खरीफ सीजन...
More »दलहन के पारंपरिक किसानों का समर्थन करने से मिल सकती है दालों की आत्मनिर्भरता
-डाउन टू अर्थ, दालों की जमाखोरी हमेशा महंगाई लेकर आती है। दालों की महंगाई जमाखोरी का एक संकेतक बन गई है। शायद इसी भय से बीच-बीच में कानून में फेरबदल और बदलाव होते हैं। स्वतंत्र व कानून मामलों की शोधार्थी व नीति विशेषज्ञ शालिनी भुटानी का यह आलेख इन्हीं परेशानियों की तहें खोल रहा है : भारत सरकार स्पष्ट रूप से जमाखोरी को लेकर चिंतित है, जो ऐसे समय में दालों की...
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