SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 266

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस विशेष: अनीमिया भारत के स्वास्थ्य परिदृश्य में एक अदृश्य लेकिन विकराल चुनौती

डाउन टू अर्थ, 11 मार्च  मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के एक छोटे से गाँव सोनीपुर में रहने वाली 12 वर्षीय रानी आदिवासी (परिवर्तित नाम) खून की कमी के चलते लिवर से जुड़ी गंभीर समस्याओं से जूझ रही है। जब उसे इलाज के लिए शिवपुरी ज़िला अस्पताल लाया गया तब उसका हीमोग्लोबिन स्तर मात्र 3.7 पाया गया था। कुल 8 सदस्यों के परिवार मे पली-बड़ी रानी का परिवार जीविका के लिए...

More »

चामी मुर्मू: पेड़ और पानी से होते हुए पद्म श्री तक का सफर

मोंगाबे हिंदी, 07 मार्च पर्यावरण के क्षेत्र में काम करने वाली कोई भी संस्था या शख्स इन आंकड़ों पर हैरान हो सकता है। इसलिए, जब केंद्र सरकार ने  झारखंड में सरायकेला-खरसावां जिले की रहने वाली पर्यावरणविद् चामी मुर्मू को 75वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्म श्री सम्मान देने की घोषणा की, तो चयन समिति के दिमाग में उपरोक्त आंकड़े जरूर रहे होंगे। मुर्मू तीन दशक से ज्यादा समय से वृक्षारोपण,...

More »

मध्य प्रदेश के जंगलों में क्यों कम हो रहा है औषधीय पौधों का उत्पादन

मोंगाबे हिंदी, 01 फरवरी “हाथ में पैसा होगा तभी त्योहार मनाना अच्छा लगता है,” रक्षाबंधन के त्यौहार के दिन मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क से सटे मोरावन गांव की सहरिया आदिवासी बस्ती में रहने वाली गुड्डी बाई कहती हैं। गुड्डी बाई बस्ती की कुछ महिला और पुरुषों के साथ एक घेरे में बैठ कर किसी मुद्दे पर चर्चा कर रही हैं। पूछने पर गुड्डी बताती हैं, “जंगल में अब इतना...

More »

आत्मनिर्भर बन रही हैं केरल की आदिवासी महिलाएँ

बाबा मायाराम, पालक्काड़ “हम जल, जंगल और जंगली जानवरों का संरक्षण करने के साथ-साथ आदिवासियों की आजीविका को भी बचाने की कर रहे हैं। जंगल से हम उतना ही लेते हैं, जितनी जरूरत होती है। जंगली जानवरों के लिये को उनके पसंद के फल, फूल, पत्ते और कंद छोड़ देते हैं; जिससे वे भी जिये और जंगल की जैव-विविधता भी बनी रहे।” यह मंजू वासुदेवन थीं, केरल के त्रिचूर जिले में ‘फॉरेस्ट...

More »

पढ़ाई के साथ हुनर भी सीखते हैं आदिवासी बच्चे

बाबा मायाराम मध्यप्रदेश के अलीराजपुर जिले के ककराना गांव में ऐसा आवासीय स्कूल है, जहां न केवल पलायन करनेवाले आदिवासी मजदूरों के बच्चे पढ़ते हैं बल्कि हुनर भी सीखते हैं। यहां उनकी पढ़ाई भिलाली, हिन्दी और अंग्रेजी भाषा में होती है। वे यहां खेती-किसानी से लेकर कढ़ाई, बुनाई, बागवानी और मोबाइल पर वीडियो बनाना सीखते हैं। अब इस स्कूल का एक भील वॉयस नामक यू ट्यूब चैनल भी चल रहा है। पश्चिमी...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close