कृषक जगत, 01 नवम्बर केन्द्र सरकार ने वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दुगना करने का लक्ष्य रखा है। वर्ष 2022 को गुजरने में अब मात्र दो माह का समय शेष है। हालांकि सरकार ने इस लक्ष्य की प्राप्ति हेतु 2015-16 को आधार वर्ष माना है, जहां किसान की औसत वार्षिक आय रुपये 93216 आंकलित की गई थी। बेशक गत छ: वर्षों में फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में पूर्व...
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गरीबी और असमानता
[inside] इंडिया में आर्थिक असमानता: “अरबपति राज” में ब्रिटिश राज से भी ज्यादा है असमानता - रिपोर्ट [/inside] इंडिया के भौगोलिक आकार और जनसंख्या, जो अब दुनिया में सबसे अधिक है, को देखते हुए इंडिया में आर्थिक विकास का वितरण विश्व की आर्थिक असमानता पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालता है। इसलिए इंडिया में आय और संपत्ति की असमानता को सटीक रूप से मापना अत्यधिक आवश्यक है। हाल ही में वर्ल्ड इनइक्वलिटी डाटाबेस ने...
More »दास्तां जन औषधि केंद्र की; शुरुआत, चुनौतियां और भविष्य!
जन स्वास्थ्य' का विषय राज्य सूची के अंतर्गत आता है. लेकिन भारत में लोक कल्याणकारी सरकार की अवधारणा है. इसलिए केंद्र सरकार द्वारा भी जन स्वास्थ्य को वरीयता दी जाती है. नतीजन सन् 2008 में "जन औषधि केंद्र" को शुरू किया जाता है. जहां सस्ते दामों पर सामान्य दवाइयां मिल सकें. 7 मार्च, 2022 को जन औषधि दिवस के उपलक्ष में एक कार्यक्रम होता है. प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जन औषधि...
More »बजट '22/नजरिया: फायदा सिर्फ बिजनेस को
-आउटलुक, “आम लोगों के लिए महंगाई ज्यादा रहेगी और आमदनी कम, अर्थव्यवस्थाह पटरी पर नहीं लौटेगी” आज बेरोजगारी देश में सबसे बड़ा मुद्दा है, जिसके खिलाफ युवा प्रदर्शन कर रहे हैं। साठ प्रतिशत लोगों की आमदनी घट गई है। किसानों की भी आय घटी है। माइक्रो सेक्टर में समस्या है, वहां अनेक उद्यम बंद हुए हैं। अभी जरूरत इस बात की थी कि कैसे इन सबकी मदद की जाए। निचले तबके के...
More »ऐसी MSP योजना जो खेती का उद्धार करे
-गांव सवेरा, किसानों का संघर्ष जारी है। यह राजनीतिक सत्ता हासिल करने का संघर्ष नहीं है। यह संघर्ष है भारत की खेती और खेतिहर आबादी के बहुत बड़े हिस्से की आजीविका और रहन सहन को बेहतर करने का जो देश के ज्यादातर हिस्सों में बहुत ही बुरी दशा में है। इसलिए यह निहायत जरूरी हो गया है कि इस शांतिमय जनांदोलन को एक नई दिशा दी जाए ताकि छोटी खेती किसानी...
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