मृगेंद्र पांडेय, रायपुर। छत्तीसगढ़ में किसानों के फसल बीमा में प्रीमियम की राशि में बीमा कंपनियों ने किसानों को जमकर चूना लगाया है। बीमा कंपनियों ने किसानों से उस जमीन का भी प्रीमियम वसूल लिया, जिस पर खेती ही नहीं की गई है। बीमा कंपनियों ने किसानों की खाली जमीन पर भी धान की फसल खड़ी कर दी और हर एकड़ में दो हजार रुपए काट लिए। बीमा कपंनियों ने इस...
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प्राइवेसी के प्रश्न पर अटका ‘आधार--’ विराग गुप्ता
सर्वोच्च न्यायालय ने 11 अगस्त को पारित आदेश से आधार को सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए अनिवार्य बनाने से इनकार कर दिया है। केंद्र द्वारा 1954 के पुराने निर्णय पर जोर देने से निजता के अधिकार की व्यापक समीक्षा के लिए मामले को नौ न्यायाधीशों की संविधान खंडपीठ को भेजने का निर्णय भी आया। इसके पूर्व 24 मार्च 2014 के एक अन्य आदेश से सर्वोच्च न्यायालय ने आधार...
More »एक गलत शैली का राजकाज - जयराम रमेश
बहुत जल्दी नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री के रूप में एक साल का समय पूरा कर लेंगे। नि:संदेह वे और उनके साथी सरकार के इस कालखंड को मील के पत्थर के तौर पर प्रचारित करेंगे और अपनी उपलब्धियों का गुणगान करेंगे। वहीं आलोचना में इस बात को इंगित किया जाएगा कि उन्होंने अपने वादे पूरे नहीं किए। बहुत बड़ी-बड़ी बातें की गईं, जिन पर बाद में सरकार ने यू-टर्न ले लिया। जीएसटी...
More »अनरियल एस्टेट- हिमांशु शेखर(तहलका)
उत्तर प्रदेश के बिजनौर के रहने वाले विकास चौहान जब करीब एक दशक पहले दिल्ली आए तो उनके कई सपनों में से एक यह भी था कि देश की राजधानी में उनका एक अपना आशियाना हो. नौकरी मिली और आमदनी बढ़ने लगी तो उन्होंने अपने इस सपने को पूरा करने की कोशिश शुरू कर दी. प्रॉपर्टी की बढ़ती कीमतों की वजह से दिल्ली में तो कोई मकान उन्हें अपने बजट...
More »बेखौफ हैं उत्तर प्रदेश के सूचना आयुक्त
नई दिल्ली [जागरण न्यूज नेटवर्क]। भले ही जनता आरटीआई कानून के जरिए सरकार से सूचना मांगने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन हकीकत यही है कि कई राज्यों में सूचना आयुक्त जानकारी देने में आनाकानी करते हैं। इन राज्यों में उत्तर प्रदेश सबसे आगे है। राज्य की मुख्यमंत्री को 140 एवं राज्यपाल को 107 ऐसे शिकायती आवेदन मिले हैं, जिनमें नागरिकों ने सूचना आयुक्तों की कार्यशैली से नाखुशी जाहिर करते हुए...
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