पत्रिका, 25 अगस्त अनियमित, अनियंत्रित व असंतुलित रसायन व कीटनाशक बिगाड़ रहे मिट्टी की सेहत मंदसौर.जिले में रासायनिक खाद और कीटनाशक का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है। यह मिट्टी की सेहत को बिगाड़ रहे है। अनियमित, अनियंत्रित व असंतुलित रुप से इनका उपयोग मिट्टी की सेहत पर विपरीत प्रभाव डाल रहा है। इसी कारण पौषक तत्वों में कमी आ रही है। अभी से ही इस पर ध्यान देने के साथ प्रबंधन...
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थाई अमरूद की खेती प्रोग्रेसिव किसान दिनेश बग्गड़ के लिए बनी फायदे का सौदा, प्रति एकड़ इतनी है कमाई
-गांव कनेक्शन, बीते कुछ सालों से परंपरागत खेती को छोड़कर किसानों का रूझान बागवानी की तरफ तेजी से बढ़ा है। बागवानी वाली फसलों की अपनी चुनौतियां और खर्च हैं लेकिन लेकिन वैज्ञानिक सुझावों के साथ बागवानी की जाए तो किसानों को अच्छा मुनाफा मिल सकता है। बागवानी में आने वाली चुनौतियों को सामना करते मध्य प्रदेश के प्रगतिशील किसान दिनेश बग्गड़ थाई अमरुद का सफल उत्पादन कर रहे हैं। दिनेश बग्गड़...
More »आचार संहिता के कारण किसानों के 35 करोड़ रुपए भी अटके
विनय बोथरा, बागली (देवास)। भावांतर योजना के तहत सोयाबीन, मक्का आदि उपज की खरीदी 20 अक्टूबर से शुरू हो गई है, लेकिन योजना के तहत अप्रैल-मई में बेची गई प्याज और लहसुन पर मिलने वाला बोनस छह माह बाद भी किसानों को नहीं मिला है। आचार संहिता के चलते करीब 35 करोड़ रुपए का भुगतान अटक गया है। चुनाव के ठीक पहले किसानों की नाराजगी का डर भाजपा विधायकों और...
More »भावांतर भुगतान योजना से लहसुन और प्याज की फसल होगी बाहर
भोपाल। राज्य सरकार लहसुन और प्याज की फसल को भावांतर भुगतान योजना से बाहर कर सकती है। वित्त विभाग ने लहसुन और प्याज पर योजना के तहत 400 रुपए प्रति क्विंटल प्रोत्साहन राशि देने के फैसले पर ऐतराज जताया है। सूत्रों के मुताबिक वित्त विभाग का कहना है कि भावांतर भुगतान योजना के मूल स्वरूप से छेड़छाड़ न की जाए और एक नई योजना बनाकर किसानों को प्रोत्साहन राशि दी जा...
More »किसानों से छलावा : फसल बीमा का लाभ मिला महज 35 पैसे
अहद खान, झाबुआ। खरीफ 2016 की फसलों के लिए किए गए फसल बीमा की क्लेम राशि किसानों के खातों में जमा कर दी गई है। जिले में लगभग 1500 किसानों को इसका लाभ दिया गया। वैसे इसे लाभ कहना ठीक नहीं होगा। जिले में किसानों के साथ ऐसा छलावा हुआ कि वो समझ नहीं पा रहे क्या किया जाए। किसानों के साथ धोखे को इसी बात से समझा जा सकता...
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