-न्यूजलॉन्ड्री, मेरे वैक्सीन सर्टिफिकेट में आपकी तस्वीर टंकी हुई है. बहुत सारी बातों के लिए आप खुद ही अपने विज्ञापनों में अपना धन्यवाद करवाते रहे हैं. अब तो आपके मंत्री भी अपनी जगह आप ही का फोटो छापने लगे हैं. शायद धन्य महसूस करते भी होंगे. आपके जाने के बाद जो भी नेता आपकी पार्टी और विचारधारा को मिलेगा, वह शायद ही इतना सौभाग्यशाली हो. कौन सोच सकता है कि भारत...
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पैंडोरा पेपर्स: पैसे छिपाने के नए ठिकाने
-आउटलुक, “कमाई छिपाने के लिए अमीर उन देशों में पैसे भेज रहे जहां टैक्स की दर बहुत कम, लगातार होती घटनाएं बताती हैं कि आर्थिक अपराध रोकने के कानून बेमानी” बैंकों से कर्ज लो, पैसा विदेश भेजो और देश में खुद को दिवालिया घोषित कर दो। भारत में यह नया ट्रेंड बनता जा रहा है। यह बात पनामा पेपर्स और पैराडाइज पेपर्स के बाद अब ‘पैंडोरा पेपर्स’ के खुलासे से साबित होती...
More »राजस्व की लूट
-द कारवां, आदित्य बिरला समूह और वेदांता लिमिटेड भारत में उन पहले कारपोरेट दाताओं में से थे जिन्होंने कोविड-19 महामारी राहत के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा बनाए गए और उन्हीं के द्वारा संचालित पीएम केयर्स फंड में भारी भरकम राशि दान दी थी. यह फंड मार्च 2020 में बनाया गया था और इसके बनने के पहले सप्ताह के भीतर ही आदित्य बिरला समूह ने 400 करोड़ रुपए तथा वेदांता ने...
More »बिजनेस वुमन बन रही हैं झारखंड की आदिवासी महिलाएं, वनोपज संग्रहण से हो रहा फायदा
-गांव कनेक्शन, हर सुबह 8 बजे सुषमा समद अपनी पांच गज की साड़ी पहनकर दफ्तर जाने के लिए अपने गांव केसरा से साइकिल पर निकलती हैं। उनका दफ्तर गांव से पांच किलोमीटर दूर झारखंड में सिमडेगा जिले के थेथैतानगर ब्लॉक में स्थित है। सुषमा के साथ गांव की ही चार अन्य महिलाएं भी दफ्तर जाती हैं। ये सभी महिलाएं झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसायटी (जेएसएलपीएस) द्वारा स्थापित केंद्र में काम करती...
More »क्या बैंकों का निजीकरण एक व्यवहार्य विकल्प है?
-जनपथ, वित्तीय वर्ष 2022 के निजीकरण अभियान के लिए 1.75 लाख करोड़ रुपये के विनिवेश लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करते हुए वित्त मंत्रालय द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों को बैंकिंग कंपनियां (उपक्रमों का अधिग्रहण और हस्तांतरण) अधिनियम, 1970 और 1980 से बाहर लाने के लिए विधायी संशोधन संसद के मॉनसून सत्र में लाने की चर्चा है। आईडीबीआई बैंक का निजीकरण भी प्रक्रियाधीन है। गत पचास वर्षों से देश की अर्थव्यवस्था की...
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