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एनएसएसओ का सर्वे: केवल 49.8 % परिवार ही खाना बनाने के लिए स्वच्छ ईंधन का प्रयोग कर पा रहे हैं

ग्रामीण भारत के केवल 49.8 प्रतिशत परिवार ही खाना बनाने के लिए स्वच्छ ईंधन का प्रयोग कर पा रहे हैं। 46.7 प्रतिशत ग्रामीण परिवार खाना पकाने के लिए लकड़ी का उपयोग कर रहे हैं। वहीं शहरी क्षेत्रों के 6.5% परिवारों में खाना पकाने के लिए लकड़ी का प्रयोग किया जाता है। अगर बात करें पीने के पानी की तो केवल 39.1 प्रतिशत परिवारों के पास ही आवास के भीतर पीने के पानी की...

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शहरों और गांवों में समान कार्य के लिए महिलाओं की मज़दूरी पुरुषों की तुलना में कम: रिपोर्ट

द वायर, 21 मार्च  ग्रामीण और शहरी भारत में समान कार्य के लिए बाजार द्वारा निर्धारित मजदूरी पुरुषों की तुलना में महिलाओं के लिए काफी कम है. इससे भी बुरी बात यह है कि पिछले एक दशक में ग्रामीण क्षेत्रों में यह अंतर बढ़ा है, हालांकि यह शहरों में कम हुआ है. टाइम्स ऑफ इंडिया ने राष्ट्रीय सांख्यिकी सर्वेक्षण कार्यालय (एनएसएसओ) द्वारा जारी एक सर्वेक्षण के नतीजों के हवाले से यह जानकारी दी...

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पानी और साफ-सफाई

खास बात - भारत में खुले में शौच करने वाले लोगों की संख्या 626 मिलियन है। यह संख्या 18 देशों में खुले में शौच करने वाले लोगों की संयुक्त संख्या से ज्यादा है।# -ग्रामीण इलाकों में केवल २१ फीसदी आबादी के घरों में शौचालय की व्यवस्था है।* -पेयजल आपूर्ति विभाग के आंकड़ों के हिसाब से कुल १,५०,७३४९ ग्रामीण मानव बस्तियों में से केवल ७४ फीसदी में पूरी तरह और १४ फीसदी में...

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जेंडर

खास बात   साल 2001 की जनगणना के अनुसार भारत में कुल श्रमशक्ति की तादाद 40 करोड़ है जिसमें 68.37 फीसद पुरुष और 31.63 फीसद महिला कामगार हैं। @ तकरीबन 75.38%  फीसद महिला श्रमशक्ति खेती में लगी है। @ एफएओ के आकलन के मुताबिक विश्वस्तर पर होने वाले कुल खाद्यान्न उत्पादन का 50 फीसद महिलायें उपजाती हैं। # साल 1991 की जनगणना के अनुसार 1981 से 1991 तक पुरुष खेतिहरों की संख्या में 11.67 फीसदी की बढोतरी...

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बिहार : गया ज़िले में 15 लाख से ज़्यादा की महिला आबादी पर केवल 24 महिला डॉक्टर

-न्यूजक्लिक, बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई। अक्सर ऐसे मामले सामने आते रहते हैं जब मरीजों की मौत इलाज के अभाव में हो जाती है। यहां डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की भारी कमी है साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर का भी अभाव है। ग्रामीण क्षेत्रों की हालत तो बद से बदतर है। नीति आयोग के 2019 के हेल्थ इंडेक्स में 21 राज्यों की सूची में बिहार को 20वां स्थान मिला था।...

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