द वायर, 01 दिसंबर केरल हाईकोर्ट ने कोझिकोड मेडिकल कॉलेज के महिला छात्रावास में कर्फ्यू पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा है कि सुरक्षा की आड़ में इस तरह के प्रतिबंध और कुछ नहीं बल्कि पितृसत्ता है. टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, अदालत ने कहा कि पितृसत्ता के सभी रूपों, यहां तक कि वे भी जो लिंग के आधार पर सुरक्षा प्रदान करने के लिए हैं, से असहमति व्यक्त की जानी चाहिए. अदालत...
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उत्तराखंड में तेंदुओं के साथ जीवन और जिम कार्बेट की विरासत
कार्बनकॉपी, 25 जुलाई कभी जिम कॉर्बेट ने तेंदुओं को सबसे सुंदर जीव का दर्जा दिया था। यही जीव उत्तराखंड में मुश्किल में है। आवास और भूख मिटाने के लिए शिकार की कमी झेल रहे इस जीव का शिकार भी बढ़ा है। लगभग सौ साल पुरानी बात है। एक आदमखोर तेंदुए ने रुद्रप्रयाग के क्षेत्र में भारी तबाही मचा रखी थी। आठ साल में कम से कम 125 लोगों की जान लेने वाले...
More »हिरासत में मौत के मामलों में यूपी नंबर 1, पिछले 3 साल में 1318 लोगों की हुई मौत
-इंडियास्पेंड, 'यूपी नंबर 1', हाल के दिनों यह लाइन और इससे जुड़े पोस्टर-विज्ञापन बहुतायत में देखने को मिल रहे हैं। उत्तर प्रदेश के अलग-अलग पहलुओं पर नंबर वन होने की कहानियां इसमें बताई जाती हैं, लेकिन इन कहानियों के इतर प्रदेश कुछ ऐसे मामलों में भी नंबर वन है जिनका जिक्र नहीं होता, जैसे - हिरासत में मौत के मामलों में उत्तर प्रदेश नंबर वन है। इसी 27 जुलाई को लोकसभा में...
More »नरेन्द्र मोदी का विरोध लंदन में, "मोदी इस्तीफा दो" का बैनर लटकाकर मांगा मोदी का इस्तीफा
-कारवां, 15 अगस्त की सुबह ब्रिटेन के प्रवासी भारतीय के एक दल ने लंदन के वेस्टमिंस्टर ब्रिज में भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इस्तीफा की मांग वाला बैनर लटका कर प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने भारतीय उच्चायोग के बाहर मोमबत्तियां जलाकर मोदी शासन के पीड़ितों को याद किया. कार्यक्रम के आयोजकों में से एक दक्षिण एशिया सॉलिडेरिटी ग्रुप के मुक्ति शाह ने इस कार्रवाई के बारे में बताया कि “भारत अपना 75वां...
More »COVID-19 की पहली लहर के दौरान ग्रामीण बिहार में अधिकांश परिवारों को आजीविका संकट का सामना करना पड़ा!
मोनाश विश्वविद्यालय, ऑस्ट्रेलिया में सेंटर फॉर डेवलपमेंट इकोनॉमिक्स एंड सस्टेनेबिलिटी के अर्थशास्त्रियों और नई दिल्ली स्थित मानव विकास संस्थान द्वारा संयुक्त रूप से किए गए एक सर्वेक्षण आधारित शोध के अनुसार, महामारी की पहली लहर ने पिछले साल बिहार में ग्रामीण श्रमिकों (स्व-रोजगार सहित) की आजीविका पर विनाशकारी प्रभाव डाला था. अध्ययन के लेखकों द्वारा जारी एक हालिया प्रेसनोट से पता चलता है कि पिछले साल ग्रामीण बिहार में आजीविका...
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