SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 68

नोटबंदी के दौरान लाई गई प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के पैसे का क्या हुआ, सरकार को नहीं पता

नई दिल्ली: सोचिए. अगर भारत में गरीब न होते तो क्या होता? कुछ होता या न होता लेकिन इतना तो तय था कि हमारी राजनीति काफी नीरस हो जाती. ये गरीब ही हैं, जिनकी वजह से भारत की राजनीति इतनी दिलचस्प बनी हुई है. चाहे वो इंदिरा गांधी का गरीबी हटाओ का नारा हो या मनमोहन सिंह का मनरेगा हो या फिर नरेंद्र मोदी द्वारा शुरु की गई प्रधानमंत्री गरीब कल्याण...

More »

स्विस बैंक खातों में भारतीयों का धन 50 फीसदी बढ़कर 7000 करोड़ रुपये के स्तर पर

भारतीयों का स्विस बैंकों में जमा धन चार साल में पहली बार बढ़ कर पिछले साल एक अरब स्विस फैंक (7,000 करोड़ रुपये) के दायरे में पहुंच गया जो एक साल पहले की तुलना में 50 प्रतितशत की वृद्धि दर्शाता है. स्विट्जर लैंड के केंद्रीय बैंक के ताजा आंकड़ों में यह बात सामने आयी है. इसके अनुसार भारतीयों द्वारा स्विस बैंक खातों में रखा गया धन 2017 में 50 फीसदी...

More »

आर्थिक प्राणवायु बनी नकदी-- मोहन गुरुस्वामी

देश के विभिन्न हिस्सों में एटीएम नकदी से रिक्त पड़े हैं और आम आदमी बेहाल है. तेलंगाना तथा आंध्र प्रदेश में हालात ज्यादा कठिन हैं, जिनकी सीमाएं बड़े दांववाले आसन्न चुनावों के राज्य कर्नाटक से लगी हैं. इस किल्लत की सहज व्याख्या तो यही नजर आती है कि उपलब्ध नकदी कर्नाटक की जनता को सुशासन देने की स्पर्धा में लगे बड़े पक्षों के सुरसाकार मुखों का ग्रास बन गयी...

More »

हीरा व्यापार के जरिये 20 हजार करोड़ का कालाधन सफेद

पीएनबी को हजारों करोड़ की चपत लगाने वाले नीरव मोदी और मेहुल चोकसी ने हीरा व्यापार के जरिये 20 हजार करोड़ का कालाधन सफेद किया है। इस आशंका के मद्देनजर आयकर विभाग छानबीन कर रहा है। विभाग के मुताबिक धनशोधन का यह काम 300 मुखौटा कंपनियों के जरिये किया गया। अब इन कंपनियों की पहचान कर छापेमारी की जा रही है। वित्तीय खुफिया यूनिट (एफआईयू) विभाग को सूचनाएं मुहैया कर...

More »

शेल कंपनी कथा दूसरी कड़ी : काले धन के खिलाफ जंग राजधर्म है-- हरिवंश

राजनीति विचारधारा या भावना से चलती है और अर्थनीति शुद्ध स्वार्थ की नीितयों से. पिछले 60-70 वर्षों में एक तरफ राजनीति में भ्रष्टाचार के खिलाफ निर्णायक जंग की बात भारत में बार-बार हुई, तो दूसरी तरफ भ्रष्ट ताकतों ने आर्थिक नियमों, कंपनी कानूनों को ऐसा बनाया कि भ्रष्टाचार की जड़ें लगातार मजबूत होती गयीं. शेल कंपनियां ऐसे ही कंपनी कानूनों की उपज हैं, पर आश्चर्य यह है कि 60-70 वर्षों...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close