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जानवरों के हमलों में हताहतों की संख्या में 19 फीसदी का इजाफा: एनसीआरबी

डाउन टू अर्थ, 3 दिसम्बर  राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ने अपनी नवीनतम रिपोर्ट में जानकारी दी है कि 2021 के मुकाबले 2022 में जानवरों के हमलों में मारे गए या घायल लोगों की संख्या में 19 फीसदी का इजाफा हुआ है। केंद्र सरकार द्वारा चार दिसंबर, 2023 को जारी रिपोर्ट "क्राइम इन इंडिया 2022" के हवाले से पता चला है कि जहां जानवरों के हमलों में 2021 के दौरान 1,264 से...

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जेंडर

खास बात   साल 2001 की जनगणना के अनुसार भारत में कुल श्रमशक्ति की तादाद 40 करोड़ है जिसमें 68.37 फीसद पुरुष और 31.63 फीसद महिला कामगार हैं। @ तकरीबन 75.38%  फीसद महिला श्रमशक्ति खेती में लगी है। @ एफएओ के आकलन के मुताबिक विश्वस्तर पर होने वाले कुल खाद्यान्न उत्पादन का 50 फीसद महिलायें उपजाती हैं। # साल 1991 की जनगणना के अनुसार 1981 से 1991 तक पुरुष खेतिहरों की संख्या में 11.67 फीसदी की बढोतरी...

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क्या वाकई देश में महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराधों में कमी आई है?

-न्यूजक्लिक, देश के तमाम अलग-अलग राज्यों से दुष्कर्म, यौन हिंसा और महिलाओं के शोषण-उत्पीड़न की खबरों के बीच नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो यानी एनसीआरबी की हालिया रिपोर्ट सामने आने के बाद चारों ओर देश में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में कमी की सुर्खी छाई हुई है। एनसीआरबी ने साल 2020 में देश में हुए अपराधों का डेटा जारी किया है। इसमें महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों को लेकर 2019 की...

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‘देश ख़तरे में है’ का हौवा स्वतंत्र विचारधारा वालों को प्रताड़ित करने का बहाना है

-द वायर, देश में आजकल हर चीज़ खतरे में दिखती है. चाहे धर्म हो, संस्कृति हो, सांप्रदायिक सद्भाव हो या समाज में शान्ति हो, सब बात-बात पर खतरे में बताए जाते हैं. हमारी स्त्रियां तक खतरे में बताई जाती हैं कि विधर्मी उन्हें बहला-फुसलाकर शादी करके धर्म परिवर्तन करा देते हैं. कितनी बार तो हमारा भूतकाल, जो बदल नहीं सकता, वो भी खतरे में बताया जाता है क्योंकि बहुसंख्यकवादी लोग ये आरोप लगाते...

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नया हिंदुस्तान: जहां बोलना मना है

-न्यूजलॉन्ड्री, अगस्त 2020 की एक दोपहर. रात भर की बारिश के बाद दोपहर की गर्मी की बजाय हवा में उमस है. दिल्ली स्थित प्रेस क्लब ऑफ़ इंडिया के गेट पर लगे जामुन के पेड़ के आसपास पके जामुन बिखरे हुए हैं. कोविड-19 के आगमन के बाद से बंद पड़े प्रेस क्लब में छह महीने बाद कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई. यह प्रेस कॉन्फ्रेंस उत्तर-पूर्वी दिल्ली में कारवां पत्रिका के तीन पत्रकारों पर...

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