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भाजपाई राज्यों के लोकल रोजगार कानूनों और अखंड भारत के बीच फंसी संवैधानिकता

-जनपथ, भारतीय संविधान का अनुच्छेद 19: 19(ङ) भारत के राज्यक्षेत्र के किसी भाग में निवास करने और बस जाने का, और 19(छ) कोई वृत्ति, उपजीविका, व्यापार या कारोबार करने का अधिकार होगा। हरियाणा का नया कानून: हरियाणा विधानसभा द्वारा नवंबर 2020 में पारित Haryana state Employment of Local Candidates Act, 2020  को राज्यपाल की मंजूरी के पश्चात राज्य की निजी कम्पनियों के लिए  50,000 मासिक तनख्वाह तक वाले रोजगार को स्थानीय नागरिक (जिसका जन्म राज्य...

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आदिवासी बनाएंगे सियासी दल, चुनाव से पहले समाज में हो रहा सर्वे!

मृगेंद्र पांडेय, रायपुर। छत्तीसगढ़ में आदिवासी समाज एक नए राजनीतिक विकल्प की तलाश में निकल पड़ा है। विधानसभा चुनाव से दस महीने पहले सर्वआदिवासी समाज एक सर्वे कर रहा है, जिसमें यह सवाल पूछा जा रहा है कि क्या आदिवासी, पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यकों को एकजुट होकर गैर कांग्रेसी, गैर भाजपाई राजनीतिक पार्टी बनानी चाहिए। क्या आरक्षित वर्ग को नया राजनीतिक विकल्प तलाशना चाहिए? राजनीतिक प्रेक्षकों की मानें तो पिछले तीन...

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राज्यों को लुभाने का पैंतरा -- यश गोयल

केंद्र और राज्यों के मध्य बेहतर तालमेल और योजनाओं के क्रियान्वयन के लिये 1990 में अंतर्राज्यीय परिषद का गठन हुआ था। वर्ष 2006 तक इसकी दस बैठकें हो चुकी थीं। गत जुलाई 16 को परिषद की 11वीं बैठक लगभग एक दशक बाद दिल्ली में बिना किसी ठोस निर्णय के पूर्ण हुई। जिसमें कई राज्य शामिल ही नहीं हुए। उत्तराखंड और अरुणाचल प्रदेश सरकारों के खिलाफ भाजपा और केंद्र के हस्तक्षेप पर...

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जमीन को लेकर बढ़ती सियासी रार - आरती जेरथ

भूमि अधिग्रहण विधेयक को लेकर कांग्रेस और भाजपा के बीच निर्णायक मुठभेड़ के लिए मंच तैयार हो चुका है और दोनों ही पार्टियां इसके लिए अपनी फौजों को तैयार कर रही हैं। इसकी गूंज संसद में बजट सत्र का दूसरा चरण शुरू होने पर सदन के भीतर और बाहर दोनों जगह सुनाई देगी, क्योंकि दोनों ही राष्ट्रीय पार्टियां अस्थिर किसान लॉबी को अपने पक्ष में करने की कोशिशों में जुटी...

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कई जरूरी मुद्दों का जिक्र तक नहीं हुआ!- उर्मिलेश

भाजपा के समर्थक ही नहीं, अनेक गैर-भाजपाई लोग भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 15 अगस्त के भाषण की तारीफ करते मिल रहे हैं. उनमें ज्यादातर इस बात की तारीफ कर रहे हैं कि उनका भाषण लिखा हुआ नहीं था, उसमें अद्भुत जोश था, जमीनी-अनुभवों की रोशनी थी, बड़े वायदे नहीं किये पर जो बातें कहीं, वे बहुत सारगर्भित थीं. बुलेट-प्रूफ कांच की दीवार के बगैर भाषण देने के उनके बेखौफ...

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