-डाउन टू अर्थ, छत्तीसगढ़ में 1 दिसंबर बुधवार से खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 के लिए समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इस बार लगभग 105 लाख मीट्रिक टन रिकार्ड धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है। लेकिन केंद्र और राज्य सरकार के बीच चावल खरीदी के मुद्दे पर गतिरोध जारी है। पिछले साल करीब 92 लाख मीट्रिक टन धान राज्य सरकार ने समर्थन मूल्य पर खरीदी...
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कृषि कानूनों पर सुप्रीम कोर्ट की समिति के सदस्य अनिल घनवत ने समिति की रिपोर्ट सार्वजनिक करने के लिए मुख्य न्यायाधीश को लिखी चिट्ठी
केंद्र सरकार द्वारा जून, 2020 में लाये तीन नये कृषि कानूनों पर किसानों के आंदोलन का हल निकालने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त की गई समिति के सदस्य अनिल जयसिंग घनवत ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर समिति की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की गुजारिश की है। घनवत का कहना है कि हमने अपनी रिपोर्ट में किसानों के हितों के लिए जो सिफारिशें की हैं वह सरकार को भेजी...
More »दरभंगा एम्स के लिए सत्याग्रह: घर-घर ईंट मांग रहे युवा, कहा- सरकार नहीं तो जनता करेगी शिलान्यास
-गांव कनेक्शन, बिहार के दरभंगा जिले में प्रस्तावित प्रदेश के दूसरे एम्स के लिए बिहार के सैकड़ों युवाओं ने एक मुहिम शुरु की है। वो घर-घर जाकर लोगों से ईंट मांग रहे हैं। बिहार में छात्रों-युवाओं के संगठन मिथिला स्टूडेंट यूनियन (MSU) ने ऐलान किया है कि अगर घोषणा के इतने वर्षों बाद भी सरकार शिलान्यास नहीं कर सकी तो बिहार की जनता ये काम खुद करेगी। मिथिला स्टूडेंट यूनियन (MSU)...
More »नए आईटी नियमों को अभिव्यक्ति की आज़ादी के ख़िलाफ़ बताते हुए कोर्ट पहुंचे मीडिया घराने
-द वायर, डिजिटल न्यूज में बड़ी हिस्सेदारी रखने वाली परंपरागत अखबार और टेलीविजन मीडिया की कंपनियों ने भी 2021 के नए आईटी नियमों को गैर कानूनी और असंवैधानिक करार देते हुए इसे कोर्ट में चुनौती दी है. डिजिटल न्यूज पब्लिशर्स एसोसिएशन (डीएनपीए), जिसमें टाइम्स ऑफ इंडिया, इंडिया टुडे, एनडीटीवी, इंडियन एक्सप्रेस, दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, अमर उजाला शामिल हैं, ने मद्रास हाईकोर्ट में एक रिट याचिका दायर करते हुए इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (इंटरमीडियरी गाइडलाइंस एंड डिजिटल मीडिया...
More »काम जारी है
-कारवां, फुर्सत के नायाब पल में पांच दिसंबर 1956 की रात भीमराव आंबेडकर दिल्ली के अलीपुर रोड स्थित अपने किराए के मकान में रेडियोग्राम पर बज रही बौद्ध प्रार्थना को सस्वर दोहरा रहे थे, “बुद्धम शरणं गच्छामि, धम्म शरणं गच्छामि, संघम शरम् गच्छामि” कि तभी उनका रसोइया डिनर के लिए आने को कह कर उनका ध्यान-भंग करता है. उन्हें थोड़ा-सा चावल खाने के लिए बहुत मान-मनौव्वल करना पड़ता था. डाइनिंग टेबल तक...
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