-न्यूजक्लिक, वैसे तो अनौपचारिक क्षेत्र में कार्यरत प्रवासी मजदूरों के कल्याण के संरक्षण को लेकर कई कानून मौजूद हैं, लेकिन वे शायद ही कभी अमल में लाये जाते हैं। एक आदिवासी प्रवासी महिला की मौत ने जो कि भिवंडी के नजदीक धान के खेतों में काम करती थी, की मौत ने प्रवासी मजदूरों की सामजिक सुरक्षा की जरूरत को एक बार फिर से रेखांकित किया है। चालीस वर्षीया चन्द्राबाई थालेकर, जिनके तीन...
More »SEARCH RESULT
तीस लाख मतदाता चाहें भी तो इस चुनाव में मतदान नहीं कर सकते- आखिर क्यों, पढ़िए इस एलर्ट में !
‘वोट इंडिया वोट' के नारे के साथ एक सरकारी वेबसाइट पर लिखा है- ‘ मतदान प्रक्रिया में भाग लें, मतदाता होने पर गर्व महसूस करें.' लेकिन क्या कभी आपने सोचा कि भारत की एक बड़ी कामगार आबादी चाहे तो भी वोट नहीं कर सकती ? ऐसे कामगारों में एक नाम आता है ईंट भट्ठे के मजदूरों का ! इस बार ईंट भट्ठे पर काम करने वाले तकरीबन 30 लाख मजदूर अपने...
More »त्रिपुरा के आदिवासी और टैगोर-- रामचंद्र गुहा
कोई दस एक साल पहले शांतिनिकेतन जाना हुआ। वहां मेरी मुलाकात वाइस चांसलर के सचिव का काम कर रहे बौद्ध भिक्षु से हुई। वे त्रिपुरा से थे, जहां से शांतिनिकेतन की स्थापना के बाद छात्रों का आना लगातार जारी था। कुछ ही दिन बाद मैं मणिपुर गया, जहां की नृत्य और संगीत परंपरा चमत्कृत करने वाली है। मुझे बताया गया कि टैगोर कभी मणिपुर आए तो नहीं, लेकिन त्रिपुरा महाराज...
More »वनाधिकार कानून-- दिन भर चले अढ़ाई कोस!
आदिवासी समुदाय को जमीन पर हकदारी देने वाले वनाधिकार कानून पर अमल का अंदाजा इस तथ्य से लगाइए कि इस साल के जून महीने के आखिर तक राष्ट्रीय स्तर पर वनपट्टों पर दावेदारी के तकरीबन 50 फीसद मामले खारिज किए गए हैं. खारिज किए गए ये मामले कुल 19 राज्यों के हैं. जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा वनाधिकार कानून के क्रियान्यवयन से संबंधित जारी नये आंकड़ों से इस तथ्य का खुलासा होता...
More »हिंसा से बेअसर भारतीय मध्य वर्ग-- आकार पटेल
भारत में ऐसे तीन बड़े इलाके हैं, जहां लंबे समय से हिंसक संघर्ष चलता आ रहा है. पहला, जम्मू-कश्मीर है, दूसरा मध्य भारत का आदिवासी क्षेत्र है जो झारखंड, ओड़िशा व छत्तीसगढ़ से जुड़ा हुआ है, और तीसरा हिस्सा पूर्वोत्तर भारत का जनजातीय इलाका है. इन संघर्षों की जमीनी हकीकत को समझने के लिए इसकी प्रकृति से संबंधित कुछ अहम तथ्यों को जानना जरूरी है. उत्तर में जम्मू-कश्मीर की समस्या...
More »