खास बात • गंगोत्री ग्लेशियर सालाना ३० मीटर की गति से सिकुड़ रहा है।* • अगर समुद्रतल की ऊंचाई एक मीटर बढ़ती है तो भारत में ७० लाख लोग विस्थापित होंगे।* • पिछले बीस सालों में ग्रीनहाऊस गैसों के उत्सर्जन में सर्वाधिक बढ़ोत्तरी जिवाश्म ईंधन के दहन से हुई है।* • मानवीय क्रियाकलापों के कारण ग्लोबल ग्रीन हाऊस गैस के उत्सर्जन में लगातार बढोत्तरी हो रही है। अगर औद्योगीकरण के पहले के समय से तुलना करें तो मानवीय क्रियाकलापों...
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जेंडर
खास बात साल 2001 की जनगणना के अनुसार भारत में कुल श्रमशक्ति की तादाद 40 करोड़ है जिसमें 68.37 फीसद पुरुष और 31.63 फीसद महिला कामगार हैं। @ तकरीबन 75.38% फीसद महिला श्रमशक्ति खेती में लगी है। @ एफएओ के आकलन के मुताबिक विश्वस्तर पर होने वाले कुल खाद्यान्न उत्पादन का 50 फीसद महिलायें उपजाती हैं। # साल 1991 की जनगणना के अनुसार 1981 से 1991 तक पुरुष खेतिहरों की संख्या में 11.67 फीसदी की बढोतरी...
More »देश की खेती-किसानी के बारे में अशोक गुलाटी जैसे अर्थशास्त्रियों को बहुत कुछ जानना बाकी है
-द प्रिंट, खेती-बाड़ी का जो अर्थशास्त्र है उसे क्या देश के किसान, अर्थशास्त्री अशोक गुलाटी से बेहतर जानते-समझते हैं ? बात आपको अटपटी लगेगी और हास्यास्पद भी लेकिन इस प्रश्न का उत्तर है- हां! प्रोफेसर अशोक गुलाटी भारत के अग्रणी कृषि-अर्थशास्त्री हैं. वे उन विद्वानों में हैं जिनका लिखा मैं गौर से पढ़ता हूं, अक्सर सलाह-मशविरा करता हूं और जिनके लिए मेरे मन में सम्मान का भाव है. प्रोफेसर गुलाटी किसानों के...
More »नरेगा के बजट मे कटौती और आधार लिंकित भुगतान कामगारों के हक का उल्लंघन: नरेगा संघर्ष मोर्चा
नयी सरकार ने राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के लिए चालू वित्तवर्ष में मात्र 60,000 रुपये आबंटित किये हैं. यह रकम साल 2018-19 के संशोधित बजट अनुमान (नरेगा) की तुलना में 1,084 करोड़ रुपये कम है. पिछले साल जिस तादाद में रोजगार गारंटी योजना के तहत काम की मांग की गई, अगर सरकार उन्हें पूरा करती और मजदूरी का भुगतान श्रमिकों को समय पर होता तो नरेगा के मद में...
More »प्रति बूंद अधिक फसल योजना : दिन भर चले अढ़ाई कोस!
दो में दो को जोड़ने से हमेशा चार ही आये यह जरुरी नहीं- वह पांच..सात..दस कुछ भी हो सकता है. बात विचित्र लगती हो प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत चलाये जा रहे ‘प्रति बूंद अधिक फसल' के आंकड़ों पर गौर कीजिए. प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के डैशबोर्ड पर दिख रहा आंकड़ा बताता है कि ‘प्रति बूंद-अधिक फसल' कार्यक्रम के तहत वित्तवर्ष 2017-18 में 11.25 लाख हेक्टेयर जमीन माइक्रो-सिंचाई के अंतर्गत लायी गई...
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