कार्बन कॉपी, 27 दिसम्बर लंबी खींचतान के बाद आखिरकार दुबई वार्ता में एक नये क्लाइमेट प्रस्ताव पर सहमति हो गई लेकिन इसमें जीवाश्म ईंधन के प्रयोग को खत्म करने या भारी कटौती के लिए कड़े प्रावधानों का अभाव है। अमीर और विकसित देशों ने “ट्रांजिशन फ्यूल” के नाम तेल और गैस के प्रयोग का रास्ता खुला रखा है। इसमें मिटिगेशन (ग्रीन हाउस गैसों को कम करने के उपाय) के लिये कार्बन...
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कॉप-28: लंबी खींचतान के बाद क्लाइमेट पर नए प्रस्ताव पर सहमति लेकिन नीयत सवालों के घेरे में
कार्बनकॉपी, 14 दिसम्बर लंबी खींचतान के बाद आखिरकार दुबई वार्ता में एक नए क्लाइमेट प्रस्ताव पर सहमति हो गई लेकिन इसमें जीवाश्म ईंधन के प्रयोग को खत्म करने या भारी कटौती के लिए प्रावधानों का अभाव है। पिछले दो हफ्ते से संयुक्त अरब अमीरात की मेजबानी में हुए इस सम्मेलन में कई विवाद उठे और जीवाश्म ईंधन, क्लाइमेट फाइनेंस और एडाप्टेशन जैसे मुद्दों पर गहरी चर्चा हुई। हालांकि सम्मेलन के पहले...
More »सर्विलांस राज्य ही विश्व का 'न्यू नॉर्मल'
-न्यूजक्लिक, अक्सर ऐसा होता है कि कुछ देशों से संबंधित कोई गंभीर घटना प्रमुख वैश्विक परिघटनाओं को सुर्खियों में ला देती है। विपक्ष के नेताओं के फोन टैप करने के लिए इज़रायली खूफिया एजेंसी एनएसओ के पेगासस सॉफ्टवेयर को लेकर उठा विवाद ऐसा ही एक मामला है। जब पिछले एक दशक में वैश्विक स्तर पर एक सामान्य दक्षिणपंथी झुकाव हुआ है, तो राज्य की संस्था कैसे बच सकती है? राज्य के...
More »कॉरपोरेट टैक्स दरों को घटाने के बावजूद भी कॉरपोरेट क्षेत्र के लिए नियमित रूप से टैक्स छूट और प्रोत्साहन जारी
अक्सर यह मुख्यधारा के अर्थशास्त्रियों द्वारा तर्क दिया जाता है कि हर साल केंद्रीय बजट का एक बड़ा हिस्सा बर्बाद हो जाता है क्योंकि सरकार खाद्य और उर्वरक सब्सिडी पर खर्च करती है. पूरे बजट के साथ-साथ सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के सापेक्ष इन दोनों सब्सिडी के डेटा का उपयोग अक्सर इस तर्क को बल देने के लिए किया जाता है कि आर्थिक के साथ ही साथ देश की पर्यावरणीय...
More »बादशाह के बरक्स किसानों की ताकत का सच गरिमा के साथ स्वीकारने का विवेक क्या शेष है?
-जनपथ, उसे हर उस चीज का बादशाह माना जाता था जिस पर उसकी नज़र जाती थी. सो उस सर्वशक्तिमान बादशाह केन्यूट [994-1035] ने उमड़ती आ रही लहरों को हुक्म दिया कि वे पीछे लौट जाएं और उसके राजसी चरणों और लिबास को गीला न करें. लेकिन बादशाह की दैविक शक्ति के बावजूद समुद्र की लहरों ने उसका हुक्म नहीं माना. मारे शर्मिंदगी के बादशाह के दरबारियों के सर झुके के झुके...
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