द वायर, 4 अक्टूबर लोकतंत्र पर से लोगों का भरोसा उठ रहा है. कथित सभ्य समाज के ढांचे में भी कई लोगों को बदलाव की उम्मीद नहीं दिखती. समाज में बढ़ते व्यक्तिवाद ने एक दूसरे पर भरोसा करने के जीवन-मूल्य को भी प्रभावित किया है. संवाद के रास्ते बंद दिखाई पड़ते हैं. स्थितियों को व्यापकता से देखने-समझने का नजरिया, जिसमें शोषित और पिछड़े तबके के लोगों के लिए भी रोजी-रोजगार के...
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पंचतत्व: 5G की तकनीक पीछे जाने का पुल खत्म कर देगी!
-जनपथ, कुछ दिन हुए जब अमेरिका में कुछ उड़ानों को लेकर खबरें आई थीं। अमेरिका में 5G इंटरनेट सेवा शुरू हुई तो इसका असर विमानों पर देखने को मिला। इस 5G के कारण एयर इंडिया ने भारत-अमेरिका मार्गों पर 14 उड़ानें रद्द कर दी थीं। विमानन कंपनियों के लिए अमेरिका में 5G सेवा का शुरू होना एक संकट की स्थिति पैदा कर रहा है। दरअसल, इस बात का अंदेशा जताया जा...
More »क्या देश का लोकतंत्र राजनैतिक दलों के हाथों में सुरक्षित है?
-जनपथ, विगत कुछ वर्षों में भारत में असहिष्णुता की प्रवृत्ति काफी बढ़ी है। अराजकतावाद के अनुसार कार्यस्वातंत्र्य जीवन का गत्यात्मक नियम है, और इसीलिए उसका मंतव्य है कि सामाजिक संगठन व्यक्तियों के कार्य स्वातंत्र्य के लिए अधिकतम अवसर प्रदान करे। मानवीय प्रकृति में आत्मनियमन की ऐसी शक्ति है जो बाह्य नियंत्रण से मुक्त रहने पर सहज ही सुव्यवस्था स्थापित कर सकती है। मनुष्य पर अनुशासन का आरोपण ही सामाजिक और नैतिक...
More »कमला भसीन: सरहद पर बनी दीवार नहीं, उस दीवार पर पड़ी दरार…
-द वायर, कमला भसीन के जीवन की आखिरी लड़ाई कैंसर के एक बेहद घातक प्रकार से थी. उन्होंने एक असहनीय दर्द का मुकाबला विडंबना के साथ और सामने खड़ी मौत का सामना रोजमर्रा के आम दिनचर्या के साथ किया. भारतीय स्त्रीवाद को उनका सबसे बड़ा योगदान था, अपने आदर्शों के साथ समझौता न करने और उन्हें एक बिल्कुल अलग तरीके से व्यवहार करने वाली दुनिया के सामने कहने का संकल्प. उनकी प्रतिभा...
More »तिहाड़ जेल से नताशा और देवांगना के उम्मीद और प्रतिरोध के खत
-कारवां, फरवरी 2020 में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई सांप्रदायिक हिंसा के संबंध में एक साल पहले महिला अधिकार संगठन पिंजरा तोड़ की सदस्य नताशा नरवाल और देवांगना कलिता को गिरफ्तार किया गया था. हाल ही में दोनों को दिल्ली हाई कोर्ट ने जमानत दे दी है. कलिता और नरवाल जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में क्रमशः महिला अध्ययन और ऐतिहासिक अध्ययन केंद्रों में डॉक्टरेट की छात्राएं हैं. वे 2019 के नागरिकता (संशोधन) अधिनियम...
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