-आउटलुक, देवांगना की मां डॉ कल्पना डेका कलिता आउटलुक की आस्था सव्यसाची के साथ बातचीत में कहती हैं कि उनकी बेटी की एक्टिविज़्म उनके लिए क्या मायने रखती है। उसकी कैद उन सभी मां के लिए एक संदेश है जिनके बच्चों को गलत तरीके से सलाखों के पीछे डाल दिया गया है। देवांगना ने राजनीतिक एक्टिविज़्म में कब कदम रखा? अपने स्कूल के दिनों में भी, वह न्याय और अन्याय के बीच के अंतर के बारे में बहुत जागरूक...
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तिहाड़ जेल से नताशा और देवांगना के उम्मीद और प्रतिरोध के खत
-कारवां, फरवरी 2020 में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई सांप्रदायिक हिंसा के संबंध में एक साल पहले महिला अधिकार संगठन पिंजरा तोड़ की सदस्य नताशा नरवाल और देवांगना कलिता को गिरफ्तार किया गया था. हाल ही में दोनों को दिल्ली हाई कोर्ट ने जमानत दे दी है. कलिता और नरवाल जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में क्रमशः महिला अध्ययन और ऐतिहासिक अध्ययन केंद्रों में डॉक्टरेट की छात्राएं हैं. वे 2019 के नागरिकता (संशोधन) अधिनियम...
More »UAPA: वो कानून जिसमें गिरफ्तारियां तो बहुत होती हैं, पर सजा गिने-चुने लोगों को ही मिल पाती है
-लल्लनटॉप, देवांगना कलिता (Devangana Kalita), नताशा नरवाल (Natasha Narwal) और आसिफ इक़बाल तन्हा (Asif Iqbal Tanha). देवांगना और नताशा JNU की स्टू़डेंट हैं. जबकि आसिफ जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्र हैं. ये तीनों दिल्ली दंगों (Delhi Riots) से जुड़े मामले में कई महीने से जेल में थे. इन पर अनलॉफुल ऐक्टिविटीज़ प्रिवेन्शन ऐक्ट (UAPA) के तहत भी आरोप हैं. 15 जून को दिल्ली हाईकोर्ट ने इन्हें जमानत दे दी. दो दिन...
More »आलेख : नृशंस साम्राज्य
-आउटलुक, “ऐसा प्रचंड संकट आजादी के बाद से नहीं आया था, अब तो मोदी समर्थक भी मानने लगे हैं कि महामारी में सरकार का रवैया सारे दायित्व से हाथ झाड़ लेने का रहा है” इस 9 मई को पिंजरा तोड़ आंदोलन की अगुआ छात्र एक्टिविस्ट नताशा नरवाल के पिता महावीर नरवाल कोविड महामारी से जंग हार गए। वे दुनिया से विदा होने के पहले अपनी बेटी से मिल या बात नहीं कर...
More »तिहाड़ से खबर : नहीं डिगे गिरफ्तार किसानों के हौसले, आंदोलन वापिस लेने से किया इनकार
-कारवां, 29 जनवरी को दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए पंजाब के पेरों गांव के 43 वर्षीय किसान जसमिंदर सिंह नम आंखों से मेरी तरफ देखते हुए कहते हैं, “सरकार को क्या लगता है… वह हमें जेल में डालकर हमारे हौसले तोड़ देगी. वह बड़ी गलतफहमी में है. शायद उसने हमारा इतिहास नहीं पढ़ा. हम तब तक वापस नहीं हटेंगे, जब तक यह तीनों कृषि कानून वापस नहीं हो जाते.” गुस्से का गुब्बार...
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