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शाहपुरकंडी बांध: भारत और पाकिस्तान के विशेषज्ञ जल सुरक्षा के लिए सहयोग के हिमायती हैं

द थर्ड पोल, 26 मार्च भारतीय राज्य पंजाब में रावी नदी पर शाहपुरकंडी बैराज पूरा होने वाला है। इससे पाकिस्तान के निचले हिस्से में डर पैदा हो गया है। तीन दशक पहले प्रस्तावित इस बांध से भारत के पंजाब में 5,000 हेक्टेयर और जम्मू-कश्मीर में 32,000 हेक्टेयर से अधिक खेती वाली ज़मीन पर सिंचाई हो सकेगी। लेकिन यह बांध पाकिस्तान के निचले हिस्से में नदी के पानी के किसी भी प्रवाह...

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रासायनिक या प्राकृतिक? फैशन उद्योग के रंगरेज की उलझन

मोंगाबे हिंदी, 15 जनवरी हाल के कुछ सालों में फैशन इंडस्ट्री प्राकृतिक संसाधनों के अत्यधिक इस्तेमाल और सिंथेटिक रंगाई प्रक्रिया से निकलने वाले जहरीले कचरे की वजह से जांच के दायरे में आ गई है। इससे निकलने वाला अपशिष्ट जल नदी, तालाबों और नहरों के पानी को दूषित कर रहा है। दुनियाभर में कपड़ा रंगाई का काम जल प्रदूषण का दूसरा सबसे बड़ा कारण है। शायद यही वजह है कि दक्षिण...

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आईपीसीसी रिपोर्ट के बजाए भारत को अपने जलवायु अनुमान की जरूरत, क्षेत्रीय क्लाइमेट मॉडल बेहतर

मोंगाबे हिंदी, 29 दिसम्बर  ग्लोबल नॉर्थ की तुलना में ग्लोबल साउथ खासकर दक्षिण एशिया जलवायु परिवर्तन के प्रति ज्यादा संवेदनशील है। साथ ही, यह क्षेत्र ज्यादा समृद्ध और विकसित देशों की तुलना में ग्लोबल वॉर्मिंग की परिस्थितियों से निपटने में भी कम सक्षम है। नुकसान और क्षति और ग्लोबल वॉर्मिंग को कम करने के तरीकों और उनको अपनाने की फंडिंग के मुद्दे पर बहस के दौरान भी यह असमानता काफी अहम...

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क्या है कॉप 28 और दक्षिण एशिया के लिए इसके क्या मायने हैं?

द थर्ड पोल, 07 दिसम्बर कॉप 28, इस वर्ष का एक महत्वपूर्ण संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन है। जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (यूएनएफसीसीसी) के साझेदारों के सम्मेलन को ‘कॉप’ कहा जाता है।  कॉप 28 में इसके 198 हस्ताक्षरकर्ता एक मंच पर होंगे। ये सभी जलवायु परिवर्तन को सीमित करने और इसके प्रभावों को अनुकूलित करने के प्रयासों पर चर्चा के लिए हर साल मिलते हैं। संयुक्त राष्ट्र के सभी...

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खसरे से होने वाली मौतों में 43 फीसद की वृद्धि, मामलों में भी हुई 18 फीसदी की बढ़ोतरी: डब्ल्यूएचओ

 डाउन टू अर्थ, 24 नवम्बर  दुनिया में खसरे का खतरा एक बार फिर पैर पसार रहा है। रिपोर्ट से पता चला है कि 2021-22 के बीच खसरे से होने वाली मौतों में 43 फीसदी का इजाफा हुआ है। गौरतलब है कि 2022 में खसरे से 136,000 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें से ज्यादातर बच्चे थे। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और अमेरिकी रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) ने अपनी इस...

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