इंडियास्पेंड, 28 फरवरी पश्चिमी दिल्ली के रानीखेड़ा में एक बिना प्लास्टर वाली ईंट की दीवार के सहारे प्रीति कुमारी, पूनम कुमारी और उनकी चचेरी बहन मधु की तस्वीरें लगी हुईं थीं। ये तस्वीर 12 मई, 2022 को एक शादी में ली गई थीं, उसके अगले दिन रानीखेड़ा से 5 किमी दक्षिण में मुंडका में एक कारखाने में आग लगने की वजह से इन तीनों की मौत हो गई थी। तीनों बहनें...
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छत्तीसगढ़ में तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन में बड़े किसानों के साथ आए खेत मजदूर
-कारवां, “मनरेगा में हमें यह सरकार अब मुश्किल से बीस दिन ही काम दे रही है. जब हमने मनरेगा में काम करना शुरू किया था तो किसी साल 50-60, तो किसी साल 80 दिनों तक हमें अपने गांव में ही काम मिल जाता था. पर, हमें तो अपना गुजारा करने के लिए साल के सभी दिन काम चाहिए न. इसलिए, कुछ दिन हम अपने खेत और कुछ दिन बड़े किसानों के खेतों...
More »अपराध और पूर्वाग्रह
-कारवां, 1. शादाब आलम के लिए 24 फरवरी 2020 का दिन रोजमर्रे की तरह ही शुरू हुआ था. वह उत्तर दिल्ली के पुराने मुस्तफाबाद के अपने घर में, जहां वह पांच साल से भी ज्यादा वक्त से रह रहे थे, तड़के ही जग गए थे. तैयार होकर सुबह के 10 बजे वह स्मार्ट मेडिकल स्टोर के लिए रवाना हुए. वजीराबाद रोड पर वृजपुरी चौक के पास की इस दुकान में वह कई...
More »एनसीआरबी के आंकड़े: दिहाड़ी मजदूरों की आत्महत्या दर 18 से बढ़कर 24 फीसदी हुई
-गांव कनेक्शन, आखिर क्यों दिहाड़ी मजदूर आत्महत्या करने के लिए विवश हो रहे हैं? मजदूर दिन रात कड़ी मेहनत तो करते हैं फिर भी उन्हें उनका सही पारिश्रमिक नहीं मिलता। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट कहती है कि भारत में वर्ष 2019 में आत्महत्या करने वाला हर चौथा शख्स दिहाड़ी मज़दूर था। लगभग समस्त आर्थिक कृया कलापों में मज़दूरों का विशेष योगदान होता है। किसी भी प्रकार का उद्योग हो,...
More »लॉकडाउन से रोजगार खतरे में!
अज़ीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी (APU) के विभाग ‘सेंटर फॉर सस्टेनेबल एंप्लॉयमेंट’ द्वारा जारी अध्ययन के प्रारंभिक परिणामों से संकेत मिलता है कि लॉकडाउन का कामकाजी लोगों की आजीविका पर बहुत बुरे प्रभाव पड़े हैं. हाल ही में सेंटर फॉर सस्टेनेबल एंप्लॉयमेंट ने सिविल सोसाइटी संगठनों के साथ मिलकर देश भर में यह सर्वेक्षण किया जा रहा है. आजीविका पर प्रभाव 13 अप्रैल, 2020 और 9 मई, 2020 के बीच टेलीफोनिक साक्षात्कार के माध्यम...
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