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बिहार की ज्योति पासवान: एक मकान, आठ साइकिलें, लेकिन अब पहले जैसी भीड़ नहीं

-बीबीसी,  वो ज़्यादा नहीं बोलती. बोले भी तो कैसे? जब भी कोई पत्रकार, उनकी अविश्वसनीय कहानी के बारे में पता करने के लिए पहुँचता है, उनके पिता आसपास ही मौजूद रहते हैं. आने वालों से ज़्यादातर उनके पिता ही बात करते हैं. वो ख़ुद ज़्यादा कुछ नहीं बोलतीं और कई बार तो वो बातचीत के बीच में ही अचानक उठ कर चल देती हैं. लेकिन, आज वो दुबली-पतली लड़की एक सेलिब्रिटी है. लोग...

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कौन थीं ‘फायर ब्रांड’ पत्रकार गौरी लंकेश, जिनके तर्कवादी विचार ने बना दिये उनके दुश्मन?

बेंगलुरु : बेंगलुरु में मंगलवार रात ‘फायर ब्रांड' पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या कर दी गयी. उनकी हत्या उनके आवास के बाहर हुई. गौरी लंकेश की पहचान एक व्यवस्था विरोधी पत्रकार की थी, जो गरीबों और दलितों की हितैषी थीं. साथ ही उन्हें हिंदुत्वादी राजनीति का कट्टर विरोधी माना जाता था. कन्नड़ पत्रकारिता में कुछ महिला संपादकों में शामिल गौरी प्रखर कार्यकर्ता थीं जो नक्सल समर्थक थीं और वामपंथी विचारों...

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सत्ता का संदेश- जय किसान जवान-- मुकेश भारद्वाज

आजादी के बाद भूमि सुधार की बात तो हुई लेकिन यह किसी पार्टी के एजंडे में नहीं रहा। विषमताओं और गैरबराबरी वाले भारत में इस बुनियादी मुद्दे को भुला महाजनों और मानसून पर निर्भर किसानों को विश्व बाजार के मंच पर अकेला छोड़ दिया गया। स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों पर सभी सरकारें चुप हैं। जब लोगों के जीने-मरने का सवाल पैदा हो रहा हो तो उनके सामने नोटबंदी और डिजिटल...

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अच्छे संस्थान की फीस और भूमिका- हरिवंश चतुर्वेदी

मानव संसाधन मंत्रालय ने आईआईटी की फीस अगले सत्र (2016-17) से बढ़ाने का फैसला आखिर ले ही लिया। अभी तक यह फीस 90 हजार रुपये सालाना थी, जो अब दो लाख रुपये कर दी गई है। हालांकि, आईआईटी (मुंबई) के निदेशक देवांग खाखर की उप-समिति ने आईआईटी काउंसिल को इसे तीन लाख रुपये सालाना करने का सुझाव दिया था। दलित, पिछड़़े, विकलांग और गरीब वर्ग के छात्रों के लिए फीस...

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वकालत के अपराधीकरण पर लगाम-- विराग गुप्ता

न्यायिक व्यवस्था के पतन एवं सड़ांध पर कड़ी टिप्पणी करते हुए सर्वोच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के अध्यक्ष दुष्यंत दवे ने माननीय न्यायाधीशों से बुर्का पहनकर बाहर घूमने का आग्रह किया, जिससे उन्हें बेंच (अदालतों) की नाकामी की हकीक़त पता चल सके, लेकिन इस सड़ांध की जिम्मेदारी सिर्फ जजों पर ही क्यों? कुछ दिन पूर्व दिल्ली के तत्कालीन कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर को लॉ की फर्जी डिग्री के आरोप में...

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