SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 12

आज़ादी@75: आंदोलन के 74 बरस और नई उम्मीद और नया रास्ता दिखाता किसान आंदोलन

-न्यूजक्लिक,  आज जब हम अपनी आजादी की 74वीं वर्षगांठ और 75वां दिवस मना रहे हैं, संविधान सभा के अंतिम भाषण में डॉ. आंबेडकर द्वारा दी गयी चेतावनी बेहद प्रासंगिक है जिसमें उन्होंने  कहा था कि देश एक अन्तरविरोधों भरे दौर में प्रवेश कर रहा है, हम एक राजनीतिक लोकतंत्र तो बन गए लेकिन सामाजिक लोकतंत्र कायम न हुआ तो यह राजनीतिक लोकतंत्र भी खतरे में पड़ जायेगा। इन 74 वर्षों में देश...

More »

किसान आंदोलन अराजनैतिक नहीं हो सकता और होना भी नहीं चाहिए, यह लोकतांत्रिक नहीं है

-द प्रिंट, संयुक्त किसान मोर्चा ने अगामी विधानसभा चुनावों में हस्तक्षेप का फैसला किया है और इस फैसले से एक पुरानी बहस फिर से जोर पकड़ सकती हैः बहस ये कि क्या किसान-आंदोलन को राजनीति से परहेज करना चाहिए. आपको याद होगा, प्रधानमंत्री ने आंदोलनजीवी कहकर हाल में तंज कसा था. आंदोलन तो हो लेकिन अराजनीतिक हो, ये मांग भी तंज कसती इसी सोच की लीक पर है और इस बात...

More »

चुनाव चर्चा से नदारद पुलिस सुधार- विभूति नारायण राय

आगामी आम चुनाव को लेकर सभी प्रमुख दलों ने अपने-अपने घोषणापत्र जारी कर दिए हैं और इन सभी में एक समान अनुपस्थिति आपका ध्यान आकर्षित कर सकती है। किसी भी दल ने पुलिस सुधारों पर एक भी पंक्ति लिखने की जरूरत नहीं समझी। पहले की ही तरह इस बार भी किसी को यह जरूरी नहीं लगा कि जिस संस्था से जनता का रोजमर्रा की जिंदगी में सबसे ज्यादा वास्ता पड़ता...

More »

सत्ता का संदेश- जय किसान जवान-- मुकेश भारद्वाज

आजादी के बाद भूमि सुधार की बात तो हुई लेकिन यह किसी पार्टी के एजंडे में नहीं रहा। विषमताओं और गैरबराबरी वाले भारत में इस बुनियादी मुद्दे को भुला महाजनों और मानसून पर निर्भर किसानों को विश्व बाजार के मंच पर अकेला छोड़ दिया गया। स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों पर सभी सरकारें चुप हैं। जब लोगों के जीने-मरने का सवाल पैदा हो रहा हो तो उनके सामने नोटबंदी और डिजिटल...

More »

भूख में तनी हुई मुट्ठी का नाम...-- रविभूषण

धूमिल (9 नवंबर 1936-10 फरवरी 1975) ने लिखा था, 'भूख से रियाती हुई फैली हथेली का नाम दया है, और भूख में तनी मुट्ठी का नाम नक्सलबाड़ी है' (नक्सलबाड़ी कविता, संसद से सड़क तक, 1972 में संकलित). बाद में नागार्जुन ने अपनी एक कविता में यह सवाल किया, 'भुक्खड़ के हाथों में यह बंदूक कहां से आई?' भारतीय राजनीति पर फरवरी 1967 के लोकसभा चुनाव का रैडिकल प्रभाव पड़ा. पश्चिम...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close