इंडियास्पेंड, 04 जनवरी झारखंड के लातेहार जिले के नेतरहाट पहाड़ियों में बसे गांव दादीचापर में बिरजिया जनजाति के लगभग 35 परिवार रहते हैं। बिरजिया समुदाय भारत के सबसे दुलर्भ चिन्हित 75 आदिवासी समूहों में से एक है। बादलों से ढकी घुमावदार पहाड़ियों और घने जंगलों से घिरा हुआ यह क्षेत्र काफी मनोरम दिखता है। दादीचापर गांव, लातेहार शहर से 30 किलोमीटर दूर है और इस गांव तक एक पथरीली और घुमावदार सड़क...
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ग्रामीण भारत में बढ़ता प्लास्टिक ज्यादा बड़ी चुनौती
डाउन टू अर्थ, 29 नवम्बर कलड़वास राजस्थान के उन कुछ गांवों में से एक है, जहां घर-घर जाकर सभी 710 घरों से कूड़ा इकट्ठा किया जाता है। इस कार्य के लिए ग्राम पंचायत ने 8,000 रुपए प्रति माह के वेतन पर दो पूर्णकालिक कूड़ा उठाने वाले लोगों को नियुक्त किया है। पंचायत ने हाल ही में जिला प्रशासन के सामने कूड़े को रिसाइकल करने वाली मशीनों को लगाने के लिए एक वित्तीय...
More »चंबल में बढ़ रहा है पनचीरा का कुनबा
डाउन टू अर्थ, 4 मार्च इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (आईयूसीएन) द्वारा विलुप्त प्रजाति में रखे गए स्कीमर परिवार के पक्षी इंडियन स्कीमर का सबसे बड़ा कुनबा अब भारत की चंबल नदी में है। सच कहें तो दुनिया भर में लुप्त प्राय स्थित में पहुंचें इस हिमालयी पक्षी को चंबल की खूबसूरत वादियां खूब रास आ रही है। राजस्थान के धौलपुर और मध्यप्रदेश के मुरैना जिले की सीमा के बीचोबीच...
More »‘मैनहोल टू मशीनहोल’ का वित्त मंत्री का दावा शब्दों की कलाबाज़ी भर है: सफाई कर्मचारी आंदोलन
द वायर, 3 फरवरी केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बुधवार को की गई बजट घोषणाओं में मशीन से सीवर सफाई करने की बात कही गई है. उन्होंने कहा था कि सफाई को ‘मैनहोल टू मशीनहोल’ मोड में लाया जाएगा. अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री ने कहा था कि सीवर में गैस से होने वाली मौतों को रोकने के लिए शहरी स्वच्छता में मशीनों के उपयोग पर ध्यान दिया जाएगा. वित्त...
More »अर्थशास्त्रियों ने कहा, वृद्धावस्था-विधवा पेंशन और मातृत्व लाभ की धनराशि बढ़ाना जरूरी
डाउन टू अर्थ, 23 दिसम्बर आगामी बजट 2023-24 को ध्यान में रखकर भारत सहित दुनिया भर के विश्वविद्यालयों के 51 प्रमुख अर्थशास्त्रियों ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीमारमण से सामाजिक सुरक्षा पेंशन और मातृत्व लाभ योजना के तहत दी जाने वाली धनराशि को बढ़ाने का अनुरोध किया है। उनका कहना है कि वर्तमान में दी जाने वाली धनराशि अनुचित है। सभी अर्थशास्त्रियों ने एक संयुक्त बयान जारी करते हुए कहा कि हमने...
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