जनचौक, 20 मार्च करीब चार दशक पहले साल 1985 में जब ओडिशा के कालाहांडी इलाके में पेट पालने के लिए अपनी 14 वर्षीय ननद को चालीस रुपए में बेचने वाली महिला फनस पुंजी की खबर देश-दुनियां के अखबारों की सुर्खियां बनकर भारत के लिए वैश्विक शर्मिंदगी की वजह बनी थी। तब से अब तक विचलित कर देने वाली इस तरह की खबरों का सिलसिला नहीं थमा। इस महिला से मिलने के बाद...
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भोजन के लिए बच्ची को बेचने वाली फनस पुंजी से मिलने आए थे प्रधानमंत्री, लेकिन नहीं बदले हालात
-डाउन टू अर्थ, यह कहानी 27 जुलाई 1985 की दोपहर की उस बातचीत से शुरू होती है, जिसकी याद के साथ फनस पुंजी आज तक जी रही है। उनकी उम्र जैसे-जैसे बढ़ती जाती है, उस बातचीत की आवाजें उनके कानों में और गूंजने लगती हैं। अब वह 70 साल की हैं और 37 साल पहले की वह बातचीत उनकी इकलौती स्मृति है। जैसे कि उनके जीवन में उसके अलावा और कोई बात...
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