SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 10

बात बोलेगी: बिजली आ गयी है, लेकिन अर्द्ध-सत्य का अंधेरा कायम है!

-जनपथ, बिजली का संकट बिना कुछ किये ही टल गया। पूरा देश, भर उम्मीद था कि अब होगा अंधेरा और वो भी अनिश्चितकालीन। कोयला खत्म। आपूर्ति ठप। प्लांट बंद। खबरें शुरू। बहसें चालू। मंत्री और मंत्रालय सक्रिय। राज्य सरकारों व केंद्र सरकार के बीच सच-झूठ की चर्चाएं। आरोप-प्रत्यारोप के दौर। और अंत में निष्कर्ष- अंधेरे में होगा देश, दीवाली में दीये का सहारा, मैं नागिन तू सँपेरा जैसी तुकबंदी के साथ...

More »

बात बोलेगी: बिगड़ा हुआ है रंग जहान-ए-ख़राब का…

-जनपथ, मौसम पर ये तोहमत लगती है कि एक-सा नहीं रहता। माशूकाएं अपने आशिक पर ये संदेह करती रहती हैं कि ‘मौसम की तरह तुम भी बदल तो न जाओगे’? मौसम अगर थिर हो जाए तो लोगों को फूटी आँख नहीं सुहाता। क्या हो अगर बारिश होती ही रहे, धूप निकली ही रहे और जाड़ा बना ही रहे? लोग ऊब जाते हैं। उकता जाते हैं। मौसम के थिर हो जाने या...

More »

बात बोलेगी: आप पहले पैदा हो गए हैं, केवल इसलिए आगे किसी और के पैदा होने का अधिकार छीन लेंगे?

-जनपथ, हाउ डेयर यू??? यह सवाल एक किशोरवय की लड़की ने दुनिया के नीति-निर्धारकों की आँखों में आँखें डालकर पूछा था कि ‘तुम वयस्कों की हिम्मत कैसे हुई कि आने वाली नस्लों के लिए इस धरती को जीने लायक नहीं रहने दिया? अपनी उम्र जी लेने के बाद आने वाली नस्लों के लिए तुम इस धरती को इस अवस्था में नहीं छोड़ सकते कि इसके बाद दुनिया बीमारों की जगह बन...

More »

बात बोलेगी: जिन्हें कहीं नहीं जाना, उन्हें यहीं पहुंचना था…!

-जनपथ, राजनीति कला है, विज्ञान है, धर्म है, सेवा है या वैभव और प्रतिष्ठा का एक अक्षय स्रोत? अलग-अलग विषय के विशेषज्ञ इसकी व्याख्या तमाम ऐतिहासिक संदर्भों में, इसके उद्भव, विकास आदि आदि के बारे में अलग-अलग नज़रिये से हमें समझाते रहे हैं कि राजनीति एक कला है या विज्ञान है या धर्म है या सेवा है। दरकार अब ऐसे विशेषज्ञों की है जो हमें यह समझाएं कि राजनीति इन सब...

More »

बात बोलेगी: कश्मीर में बैठ के कश्मीर को समझने का अहसास-ए-गुनाह

-जनपथ, जीने का सुभीता तलाशने की आदिम और अभिनव प्रवृत्ति के चलते मनुष्य बना और बचा रहता है। स्वाभिमान, सम्मान और इज्ज़त-प्रतिष्ठा सब खाये-अघाये लोगों के शगल हैं। ज़रूरी बात है जीना और जब जिस तरह जीना संभव हो उस तरह जीना और खुद को लंबे समय तक बचाए रखना। यह लंबा समय कितना भी लंबा हो सकता है। आखिर प्रतीक्षा करना भी उतना ही आदिम और अभिनव स्वभाव है। हमें दूर...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close