मोंगाबे हिंदी, 29 दिसंबर साहू थोरत महाराष्ट्र के सतारा जिले कलावडे गांव में रहने वाले 47 वर्ष के एक गन्ना किसान हैं। थोरत पिछले 25 वर्षों से गन्ने की खेती अपने चार एकड़ के जमीन पर करते आ रहें हैं। नवम्बर 2022 में वह अपने ताज़ा काटे हुए गन्ने के ढेर को अपनी बैलगाड़ी में लादते दिखे। इस गन्ने को 12 किलोमीटर दूर कराड शहर के रथारे के चीनी के कारखाने...
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महाराष्ट्र के गन्ना किसानों तक कितना पहुंच रहा गन्ने से ईंधन बनाने की योजना का लाभ
मोंगाबे हिंदी , 27 दिसंबर साहू थोरत महाराष्ट्र के सतारा जिले कलावडे गांव में रहने वाले 47 वर्ष के एक गन्ना किसान हैं। थोरत पिछले 25 वर्षों से गन्ने की खेती अपने चार एकड़ के जमीन पर करते आ रहें हैं। नवम्बर 2022 में वह अपने ताज़ा काटे हुए गन्ने के ढेर को अपनी बैलगाड़ी में लादते दिखे। इस गन्ने को 12 किलोमीटर दूर कराड शहर के रथारे के चीनी के...
More »डीजल के दाम बढ़ने के कारण अब बैलगाड़ी से कूड़ा उठाएगी यूपी की योगी सरकार
-इंडिया टूडे, पेट्रोल, डीजल के बढ़ते दामों की तपिश आम नागरिक ही नहीं यूपी के कई सरकारी विभाग भी महसूस करने लगे हैं. कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के चलते हुए लॉकडाउन ने सरकार की आमदनी भी घटाई है. इस बीच डीजल के बढ़े दाम ने कोढ़ में खाज का काम किया है. इस संकट से निबटने के लिए विभाग नए-नए उपाय कर रहे हैं. ऐसा ही कुछ कानपुर के नगर...
More »गवई बंधुओं की आंखें फोड़ने की अमानुषिक घटना और दलित पैंथर का संघर्ष
- द कारवां, आंबेडकर के परिनिर्वाण के बाद दलित आंदोलन खत्म तो नहीं हुए, लेकिन उसकी गति धीमी और राजनीतिक मोर्चे पर दिशाहीन भी हो गई थी. वह 1970 का दशक था जब दलितों के खिलाफ उत्पीड़न की घटनाएं पूरे देश में हो रही थीं. चूंकि राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर मुखालिफत नहीं हो रहा था, इसलिए दिन पर दिन उत्पीड़कों-शोषकों का हौसला बढ़ता जा रहा था. ऐसे समय में दलित...
More »‘क’ से कोरोना नहीं, ‘क’ से करुणा
-न्यूजलॉन्ड्री, अपनी रोज की चिर-परिचित दुनिया अपनी ही आंखों से बदली हुई, बदलती हुई दिखाई दे रही है. कल तक जो निजी शक्ति के घमंड में मगरूर थे आज शक्तिहीन याचक से अधिक व अलग कुछ भी बचे नहीं हैं. बच रहे हैं तो सिर्फ आंकड़े… मरने के… और मरने से अब तक बचे रहने के. कोई हाथ जोड़ कर माफी मांग रहा है जबकि उसकी सूरत व सीरत से माफी का...
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