वर्ष 2020 में केंद्र सरकार ने किसानों से जुड़े मसलों पर तीन कानून बनाएँ। जिसका किसानों ने भारी विरोध किया। दिल्ली की सरहदों पर डेरा डाला। करीब 13 महीनों की रस्सा-कशी के बाद समाधान का रास्ता निकला। केंद्र सरकार ने तीनों कानूनों को निरस्त कर दिया। किसानों ने धरना/आन्दोलन ख़त्म कर दिया। किसान अपने-अपने घरों की ओर लौट गए। करीब दो वर्ष बाद, एक बार फिर किसान दिल्ली की ओर...
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खेती-बाड़ी को किस दिशा ले जाएगी घटते खेतों की प्रवृत्ति?
कार्बन कॉपी, 27 फरवरी दरअसल दुनिया अब नए खेतों को बनता नहीं देख पाएगी। बजाय इसके खेतों का एकीकरण शुरू होगा। भारत जैसे देशों के साथ ही एशिया, अफ्रीका व उत्तरी अमेरिका के अधिकांश गरीब और विकासशील देशों के लिए यह एक ऐसा बदलाव है, जिसके बारे में हमने कभी नहीं सोचा था। और इसलिए हम इसके परिणामों के लिए तैयार नहीं थे। उदाहरण के लिए भारत में क्रियाशील कृषि जोतों की...
More »एमएसपी की कानूनी गारंटी- खाद्य सुरक्षा और किसान की जीवन रेखा
डाउन टू अर्थ, 19 फरवरी न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की अनुशंसा केंद्र सरकार द्वारा की जाती है। इसका उद्देश्य किसानों को उनकी कृषि उपज के लिए न्यूनतम लाभकारी मूल्य दिलाना, बाजार में मुद्रास्फीति को नियंत्रित करके उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना और देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना है। एमएसपी की शुरुआत 1966-67 में की गई थी, जब भारत में खाद्य पदार्थों की भारी कमी थी। तब सरकार ने घरेलू खाद्यान्न...
More »नीति आयोग के सदस्य की आशंका, भारत 2030 तक ज़ीरो-हंगर का लक्ष्य पाने से चूक जाएगा
द वायर, 30 अक्टूबर नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद ने बीते गुरुवार (26 अक्टूबर) को प्रति व्यक्ति खाद्य उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि के बावजूद 2030 तक जीरो-हंगर (Zero Hunger) लक्ष्य के चूकने की आशंका व्यक्त की. मिंट की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कृषि उत्पादकता वृद्धि को सालाना 2 फीसदी से अधिक बढ़ाने, ताकि जनसंख्या में वृद्धि जारी रहने पर भी घरेलू खाद्य मांग को पूरा करने में कोई समस्या न हो,...
More »पोषक अनाजों की खेती:- वर्तमान और भविष्य
पोषक अनाजों की अहमियत को समझते हुए भारत सरकार ने खाद्य और कृषि संगठन के सामने एक प्रस्ताव रखा था। नतीजन पूरी दुनिया, वर्ष 2023 को, अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष के रूप में मना रही है।भारत,दुनिया में पोषक अनाजों का सबसे बड़ा उत्पादनकर्ता है। साल 2020 में विश्व के कुल उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी करीब 41 फीसदी के आस–पास थी। पढ़िए इस लेख में पोषक अनाजों पर विस्तार से; प्राचीन...
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