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पोषक अनाजों की खेती:- वर्तमान और भविष्य

पोषक अनाजों की अहमियत को समझते हुए भारत सरकार ने खाद्य और कृषि संगठन के सामने एक प्रस्ताव रखा था। नतीजन पूरी दुनिया, वर्ष 2023 को, अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष के रूप में मना रही है।भारत,दुनिया में पोषक अनाजों का सबसे बड़ा उत्पादनकर्ता है। साल 2020 में विश्व के कुल उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी करीब 41 फीसदी के आस–पास थी। पढ़िए इस लेख में पोषक अनाजों पर विस्तार से; प्राचीन...

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भारत के सबसे पिछड़े जिले से तीन महिलाओं की भूख और उससे जुड़े संघर्ष की कहानी

इंडियास्पेंड, 02 दिसंबर नवम्बर महीने के दूसरे सप्ताह के बुधवार को रेखा देवी, उम्र लगभग 40 वर्ष, अपने घर से तकरीबन 500 मीटर दूर एक खेत में कम्पैन मशीन के पीछे अपने बच्चों के साथ धान की बालियां बीन रही थीं। पूछने पर वह कहती है की इन गिरी हुई बालियों से उनके परिवार का गुजारा होता है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से तकरीबन 170 किलोमीटर पूरब में भारत और नेपाल...

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पोषण से खाली भारत की थाली

डाउन टू अर्थ, 27 अक्टूबर भारत के सामने सबसे बड़ी बुनियादी चुनौती खाद्य और पोषण असुरक्षा की है। इस विषय को बहुत तार्किक ढंग से समझे जाने की जरूरत है। विश्व में भारत को मज़बूत करने की शुरुआत देश को भीतर से मज़बूत करने की पहल से होगी। भूख की स्थितियों को नकारने से भारत की गरिमा में कोई विस्तार न होगा। वैश्विक भूख सूचकांक (ग्लोबल हंगर इंडेक्स) यह नहीं कहता कि...

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ग्लोबल हंगर इंडेक्स: भारत 121 देशों में 107वें स्थान पर; पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका से भी पीछे

द वायर, 15 अक्टूबर भारत 2022 के वैश्विक भुखमरी सूचकांक (जीएचआई) में 2021 के मुकाबले छह स्थान नीचे गिरकर 107वें पायदान पर पहुंच गया है. भारत की स्थिति अपने पड़ोसी देशों नेपाल, पाकिस्तान, श्रीलंका और बांग्लादेश से भी बदतर है. रिपोर्ट आयरलैंड की एजेंसी कंसर्न वर्ल्डवाइड (Concern Worldwide) और जर्मनी के संगठन वेल्ट हंगर हिल्फ (Welthungerhilfe) द्वारा संयुक्त रूप से तैयार की गई है. रिपोर्ट में भारत में भूख के स्तर को...

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गरीबी और असमानता

[inside] इंडिया में आर्थिक असमानता: “अरबपति राज” में ब्रिटिश राज से भी ज्यादा है असमानता - रिपोर्ट [/inside] इंडिया के भौगोलिक आकार और जनसंख्या, जो अब दुनिया में सबसे अधिक है, को देखते हुए इंडिया में आर्थिक विकास का वितरण विश्व की आर्थिक असमानता पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालता है। इसलिए इंडिया में आय और संपत्ति की असमानता को सटीक रूप से मापना अत्यधिक आवश्यक है। हाल ही में वर्ल्ड इनइक्वलिटी डाटाबेस ने...

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