SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 317

औद्योगिक विस्तार और प्रदूषण: संकट में खेती और परंपरागत व्यवसाय

डाउन टू अर्थ, 15 जनवरी  नवंबर के पहले हफ्ते में काली मिट्टी में उगा सफेद सोना लहलहाने लगा है। कानम प्रदेश के नाम से मशहूर ये गुजरात के भरूच जिले की कॉटन बेल्ट है। जो अपनी उच्च गुणवत्ता की कपास (रुई) के लिए जानी जाती है।  खेतों से कपास चुन रही महिला श्रमिकों का समूह तल्लीनता से अपने काम में रमा हुआ है। सारा दिन तेज धूप में खड़े होकर वे कपास...

More »

छला महसूस कर रहे हैं बीटी कपास अपनाने वाले किसान

डाउन टू अर्थ,11 दिसम्बर  राजस्थान में श्री गंगानगर जिले के 23 एमएल गांव के 40 वर्षीय शमशेर सिंह की दिनचर्या 25 सितंबर 2023 को आम दिनों की तरह ही थी। उन्होंने दोपहर 3.30 बजे सब्जी रोटी खाई, फिर एक झपकी ली। उसके बाद उठकर चाय पी। इस वक्त तक उनकी पत्नी जसविंदर कौर, उनके 17 वर्षीय बेटा जसविंदर और 11 व 14 साल की बेटियों जसप्रीत और पुष्पा कौर ने उनके...

More »

कानपुर: स‍िमट रहा चमड़ा कारोबार, न‍िर्यात में ग‍िरावट, रोजगार पर संकट

इंडियास्पेंड, 16 नवम्बर  “घर चलाना मुश्‍किल हो गया है। महीने में 12-13 द‍िन ही काम म‍िलता है। एक समय था जब महीने भर टेनर‍ियां चलती थी। लेकिन प‍िछले एक-दो सालों में काफी कुछ बदल गया। बराबर काम ना म‍िलने की वजह से बच्‍चों की पढ़ाई रुक गई। सरकार की भी तरफ से कोई मदद नही म‍िल रही। मालिक से पूछो तो वे कहते हैं क‍ि जब टेनरी चलेगी ही नहीं तो...

More »

पढ़ाई के साथ हुनर भी सीखते हैं आदिवासी बच्चे

बाबा मायाराम मध्यप्रदेश के अलीराजपुर जिले के ककराना गांव में ऐसा आवासीय स्कूल है, जहां न केवल पलायन करनेवाले आदिवासी मजदूरों के बच्चे पढ़ते हैं बल्कि हुनर भी सीखते हैं। यहां उनकी पढ़ाई भिलाली, हिन्दी और अंग्रेजी भाषा में होती है। वे यहां खेती-किसानी से लेकर कढ़ाई, बुनाई, बागवानी और मोबाइल पर वीडियो बनाना सीखते हैं। अब इस स्कूल का एक भील वॉयस नामक यू ट्यूब चैनल भी चल रहा है। पश्चिमी...

More »

हलमा: सामुदायिक भागीदारी से सूखे का हल निकालते झाबुआ के आदिवासी

मोंगाबे हिंदी, 02 मई मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले के सूखे पहाड़ गर्मी की शुरुआत में ही आग उगल रहे हैं। साढ़ गांव की बाड़ी बोदरी फलिया की एक बेहद जर्जर झोपड़ी में 12 साल की गली अपने से छोटे दो भाई-बहनों के लिए चूल्हे पर रोटी सेक रही है। गली, संता और केतन के माता-पिता दिवाली पर मजदूरी के लिए गए थे। तब से वापस नहीं लौटे हैं। पड़ोस में...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close