-द क्विंट, भारत और अमेरिका गहरे दोस्त बन गए हैं. मैंने अपनी दो किताबों में इसे ‘इनएविटेबिलिटी ऑफ हिस्ट्री’ यानी इतिहास की अनिवार्यता कहा है. जाहिर सी बात है, अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो और रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने काफी नाजुक दौर में भारत में कदम रखा है. उधर अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव में कुछ ही दिन बचे हैं (संभव है कि ट्रंप चुनाव हार जाएं). इधर भारत गलवान घाटी में...
More »SEARCH RESULT
‘मन की बात’ करने वाले ‘मनरेगा’ की बात क्यों करने लगे?
-न्यूजलॉन्ड्री, बात मनरेगा के बहाने सामाजिक सुरक्षा की, आखिर क्यों पूरी दुनिया में धुर पूंजीवाद की वकालत करने वाले शासक भी संकट के समय साम्यवादी हो जाते हैं. 20 लाख करोड़ के विशेष पैकेज के तहत एक बड़ा हिस्सा (40,000 करोड़ रुपए) वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन ने मनरेगा योजना में खर्च करने की घोषणा की है. यह हिस्सा केद्रीय बजट में घोषित मनरेगा फंड के अतिरिक्त होगा. खुद को बड़े गर्व से सोशली...
More »आर्थिक निराशा में घिरा बहुसंख्यकवादी देश बन गया है भारतः मनमोहन सिंह
-बीबीसी हिंदी, भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने एक संपादकीय लेख में कहा है कि भारत उदारवादी लोकतंत्र के वैश्विक उदाहरण से आर्थिक निराशा में घिरा बहुसंख्यकवादी देश बन गया है. द हिंदू में प्रकाशित संपादकीय में मनमोहन सिंह ने कहा कि वो भारी मन से ये बात लिख रहे हैं. मनमोहन सिंह ने कहा कि भारत इस समय सामाजिक द्वेष, आर्थिक मंदी और वैश्विक स्वास्थ्य महामारी के तिहरे ख़तरे का सामना...
More »धरती कथा: डायरेक्ट की इनडायरेक्ट मुश्किलें
-आउटलुक हिंदी “खाद्य महंगाई दर दहाई अंकों में चली गई है। उपभोक्ता हित के लिए घरेलू किसानों की कीमत पर सस्ते आयात का रास्ता फिर खोला जा सकता है” डायरेक्ट यानी प्रत्यक्ष का रास्ता कई इनडायरेक्ट यानी अप्रत्यक्ष दिक्कतें लेकर आता है। यह बात कृषि क्षेत्र और किसानों के मामले में काफी हद तक लागू होती है। मसलन, सरकार को पता है कि दूध, गन्ना, आलू और प्याज जैसी फसल उगाने वाले...
More »झारखंड और महाराष्ट्र चुनावों के बाद महाबली नहीं रही मोदी सरकार
झारखंड में लोकसभा की सिर्फ 14 सीटें हैं. इस लिहाज से राष्ट्रीय राजनीति के लिए इस राज्य का महत्व सीमित माना जा सकता है. लेकिन इस राज्य के विधानसभा चुनाव को लेकर जिस तरह की जबर्दस्त दिलचस्पी नजर आई, वह महत्वपूर्ण है. इस राज्य के चुनाव नतीजों के राष्ट्रीय राजनीति के लिए गंभीर मायने हैं. दरअसल, राष्ट्रीय सरकार को लेकर, बीजेपी और नरेंद्र मोदी की जो कल्पना है, उसका नकार पिछले...
More »