खास बात साल 2001 की जनगणना के अनुसार भारत में कुल श्रमशक्ति की तादाद 40 करोड़ है जिसमें 68.37 फीसद पुरुष और 31.63 फीसद महिला कामगार हैं। @ तकरीबन 75.38% फीसद महिला श्रमशक्ति खेती में लगी है। @ एफएओ के आकलन के मुताबिक विश्वस्तर पर होने वाले कुल खाद्यान्न उत्पादन का 50 फीसद महिलायें उपजाती हैं। # साल 1991 की जनगणना के अनुसार 1981 से 1991 तक पुरुष खेतिहरों की संख्या में 11.67 फीसदी की बढोतरी...
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कोविड महामारी ने पहले से हाशिये पर पड़े एलजीबीटीक्यूआई+ समुदाय की पीड़ा को और बढ़ाया है
-द वायर, अभिजीत केरल के तिरुवनंतपुरम में बतौर रेडियो जॉकी काम कर रहे थे जब बीते वर्ष मार्च में कोविड-19 महामारी ने भारत में दस्तक दी थी, जिसने सरकार को देशव्यापी लॉकडाउन लगाने के लिए प्रेरित किया था. लॉकडाउन के चलते अभिजीत अपने घर ग्रामीण पत्तनमतिट्टा जिला लौट आए, जहां उनके माता-पिता एक संयुक्त परिवार में दादा-दादी, चाचा और चचेरे भाइयों के साथ रहते हैं. होमोफोबिक रिश्तेदार और चचेरे भाई-बहनों के साथ...
More »भारत की जेलों में कैद औरतों की अनकही कहानियां
-जनपथ, सावित्री को जेल में छह साल हो गये हैं। जमानत तो नहीं हुई, केस भी जाने कब खतम हो। पति के अत्याचारों से तंग आने पर एक दिन हाथापाई में उसकी हत्या हो गयी। अब मायके और ससुराल वालों के साथ ही बच्चे भी पिता की हत्यारिन मानकर उसकी सुध नहीं लेते हैं। रामरति से उसके अपनों ने भी इसलिए मुंह फेर लिया कि पति और ससुराल वालों के अत्याचारों...
More »कोरोना काल में भारी मानसिक दबाव में रहे 20 फीसदी से ज्यादा स्वास्थ्य कार्यकर्ता
-डाउन टू अर्थ, कोरोना महामारी से लड़ते वक्त दुनिया भर के 20 फीसदी से ज्यादा स्वास्थ्य कार्यकर्ता भारी मानसिक दबाव में थे। यह जानकारी एक अंतराष्ट्रीय अध्ययन में सामने आई है। स्वास्थ्य कार्यकर्ता हमारे लिए कितने महत्वपूर्ण है यह बात हर किसी को पता है। जिस बहादुरी के साथ उन्होंने इस महामारी के समय लोगों की मदद की है वो स्पष्ट करता है कि उन्हें कोरोना वारियर ऐसे ही नहीं कहा जाता।...
More »कार्यकारी (और) संपादक
-द कारवां, जैसे ही यह स्पष्ट हो गया कि डोनाल्ड ट्रंप सत्ता से बाहर हो गए हैं और जो बाइडन अमेरिका के नए राष्ट्रपति होंगे, अनंत गोयनका ने एक ट्वीट किया : मैं आशा करता हूं कि बाइडन की जीत के बाद अमेरिकी समाचार मीडिया अपने पक्षपातपूर्ण तरीके के बारे में आत्मावलोकन करेगा. वह केवल अपने प्रति वफादारों और ईको-कक्ष समुदाय के पाठकों के बजाय अवश्य ही सकल आबादी के विचारों का...
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