आज से साढ़े पांच साल पहले ग्राम न्यायालय एक्ट 2008 अमल में आया था. इसको लेकर देश के सत्ता-वर्ग ने उम्मीदों की हवा कुछ ऐसी बांधी थी, मानो अब गांवों में रामराज्य आने ही वाला है. कहा गया था कि अब देश में हर किसी को न्याय मिल सकेगा, क्योंकि यह एक्ट बनाया ही गया है निर्धन और ग्रामीण जनता को उसके दरवाजे पर पहुंच कर इंसाफ देने के लिए....
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दूसरे राज्यों में न्यायिक सेवा में आरक्षण, तो बिहार में क्यों नहीं : नीतीश
पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रविवार को नयी दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित मुख्यमंत्रियों और मुख्य न्यायाधीशों के संयुक्त सम्मेलन में बिहार में न्यायिक सेवा में आरक्षण का मुद्दा उठाया. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने अवर न्यायपालिका में पिछड़े वर्गो को आरक्षण देने के लिए सकारात्मक कदम उठाये हैं, लेकिन हाइकोर्ट ने इस प्रस्ताव पर सहमति नहीं दी है. उन्होंने कहा कि दूसरे राज्यों में अवर न्यायपालिका में...
More »21वीं सदी में गांव की उम्मीद की डोर
रांची जिले के बुढ़मू में मनरेगा की एक योजना के तहत कुआं निर्माण का कार्य करती युवतियां इस बात का प्रमाण हैं कि 21वीं सदी में गांव को ऐसे कानून व कार्यक्रम मिले हैं, जिनसे उनका पलायन रुके व उन्हें घर पर ही रोजी-रोटी मिले. इस तरह के और भी कई कार्यक्रम व कानून हैं, जिससे गांवों की सूरत पिछली सदी की तुलना में काफी बदल गयी है. हालांकि इनके...
More »कन्या भू्रण हत्या के मामलों में त्वरित और कठोर कार्रवाई की जाए: सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केंद्र और राज्य सरकारों को निर्देश दिया कि प्रभावी तरीके से प्रसव पूर्व लिंग निर्धारण परीक्षण कानून लागू करने के लिए कन्या भू्रण हत्या के मामलों में लिप्त व्यक्तियों के खिलाफ त्वरित और कठोर कार्रवाई की जाए। इस कानून के तहत प्रसव पूर्व लिंग निर्धारण पर प्रतिबंध है। न्यायमूर्ति केएस राधाकृष्णन और न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की खंडपीठ ने गैर सरकारी संगठन वालंटियर्स हेल्थ एसोसिएशन आॅफ पंजाब की...
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