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पानीपत की सूत मिलों को बड़ा झटका, इंडस्ट्री के कारोबार में 50 प्रतिशत से अधिक की गिरावट

गाँव सवेरा, 28 जून देश और दुनिया में पहचान रखने वाली पानीपत की रिसाइकल्ड इंडस्ट्री संकट का सामना कर रही है। शहर की छोटी-बड़ी रिसाइकल्ड यार्न इंडस्ट्री बेकार कपड़ों को रिसाइकल कर सूत से धागे बनाती है, जिनका इस्तेमाल कई दूसरे सामान बनाने के लिए भी किया जाता है, जिसमें कालीन, कंबल, शॉल, पर्दे, बाथ मैट, फुट मैट और बेडशीट आदि शामिल हैं।  पिछले करीब दो महीनों से पानीपत में रिसाइकल्ड यार्न...

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WPI और CPI सहित महँगाई से जुड़े तमाम पहलुओं के बारे में जानिए विस्तार से

संबंधित प्राधिकरण जब भी महँगाई से जुड़े आँकड़े जारी करता है, समाचार माध्यमों की सुर्खियाँ इन्हीं आँकड़ों से लद जाती है। हाल ही में आर्थिक सलाहकार के ऑफिस ने थोक मूल्य सूचकांक के आँकड़े जारी किए थे; जिसमें मई (2023) महीने में महँगाई को नकारात्मक दर से बढ़ते हुए दर्शाया है। ये नकारात्मक (माइनस) आँकड़ों में महँगाई किस तरह से आती है? महँगाई का आकलन कैसे किया जाता है? महँगाई...

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मनरेगा पर संकट के बादल

हाल ही में पेश किए गए बजट के बाद पक्ष-विपक्ष की अतिवादी प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। इन बयानबाजियों में सबसे ज्यादा ध्यान मनरेगा ने खींचा है। बजट में मनरेगा के लिए आवंटित बजट, 2022-23 के संशोधित अनुमान की तुलना में काफी कम है। यह कमी करीब 33 प्रतिशत के आस–पास ठहरती है। सरकार के पास इस कटौती को जायज ठहराने के अपने तर्क हैं और विपक्ष व सामाजिक संगठनों की अपनी...

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केवल रोजगार के आंकड़े काफी नहीं, रोजगार में गुणपूर्णता जरूरी!

बेहतर आर्थिक वृद्धि मौजूदा दौर के हर ‘राष्ट्र राज्य’ की पहली प्राथमिकता है। और इस प्राथमिकता को हासिल करने के लिए जरूरी है अर्थव्यवस्था का पहिया तेज गति से घूमे। पहिए की गति उत्पादन (प्रोडक्शन) पर निर्भर करती है। जितना अधिक उत्पादन होगा उतने ही अधिक गति से पहिया दौड़ेगा। उत्पादन मुख्यत दो कारकों पर टिका रहता है–पहला पूंजी और दूसरा मजदूर। लेकिन मशीनें आ जाने के बाद उत्पादन के मामले में...

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खबरदार

  खास बात • गंगोत्री ग्लेशियर सालाना ३० मीटर की गति से सिकुड़ रहा है।* • अगर समुद्रतल की ऊंचाई एक मीटर बढ़ती है तो भारत में ७० लाख लोग विस्थापित होंगे।* • पिछले बीस सालों में ग्रीनहाऊस गैसों के उत्सर्जन में सर्वाधिक बढ़ोत्तरी जिवाश्म ईंधन के दहन से हुई है।* • मानवीय क्रियाकलापों के कारण ग्लोबल ग्रीन हाऊस गैस के उत्सर्जन में लगातार बढोत्तरी हो रही है। अगर औद्योगीकरण के पहले के समय से तुलना करें तो मानवीय क्रियाकलापों...

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