-जनपथ, आज 26 जुलाई 2021 को किसान आंदोलन भारत की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर निरंतर विरोध प्रदर्शन के आठ महीने पूरे कर रहा है। आज जंतर-मंतर पर किसान संसद का संचालन पूरी तरह महिलाएं करेंगी। महिला किसान संसद भारतीय कृषि व्यवस्था में और चल रहे आंदोलन में, महिलाओं द्वारा निभायी जाने वाली महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाएगी। महिला किसान संसद के लिए विभिन्न जिलों से महिला किसानों का काफ़िला मोर्चे पर...
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आपराधिक कानून समिति के सदस्य बलराज चौहान के 2011 के शोधपत्र का अधिकांश हिस्सा कॉपी
-कारवां, आपराधिक कानूनों में सुधार के लिए गृह मंत्रालय की समिति के सदस्य बलराज चौहान के सह-लेखन में प्रकाशित एक शोधपत्र के कई खंडों पर साहित्यिक चोरी का आरोप है. अक्टूबर 2011 में इंडियन जर्नल ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में "गुड गवर्नेंस : सर्च फॉर एकाउंटेबिलिटी मैकेनिज्म" शीर्षक से शोधपत्र प्रकाशित हुआ था. चौहान इस साल मध्य जून तक मध्य प्रदेश के जबलपुर में धर्मशास्त्र राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के कुलपति थे. चौहान के सह-लेखक...
More »केन-बेतवा लिंक: नए अध्ययन के बिना डेढ़ दशक पुराने आंकड़ों के आधार पर दो राज्यों में हुआ क़रार
-द वायर, किसी भी परियोजना के चलते पर्यावरण एवं जनमानस को नुकसान होने की संभावना को ध्यान में रखते हुए उस प्रोजेक्ट की उपयोगिता एवं उसके प्रभावों पर स्वतंत्र रूप से गंभीर अध्ययन कराने की मांग की जाती रही है. ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि इससे पड़ने वाले प्रभावों को कम किया जा सके व उससे हुई क्षति की उचित भरपाई हो सके. हालांकि जिस कार्य को करने में विशेषज्ञ महीनों...
More »वैक्सीनेशन में यूपी का टॉप जिला रहा लखनऊ ‘टीका उत्सव’ के दौरान और उसके बाद क्यों पिछड़ गया
-द प्रिंट, राजधानी लखनऊ एक समय में टीकाकरण के मामले में उत्तर प्रदेश में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले जिले में शुमार रही थी, लेकिन 11 से 14 अप्रैल के बीच चार दिवसीय ‘टीका उत्सव’ के दौरान और उसके बाद से यहां कोविड-19 टीकाकरण में भारी गिरावट दर्ज की गई है. नवरात्रि के उपवास, जो 13 अप्रैल से शुरू हुए और 21 अप्रैल तक चलेंगे, की अवधि और कोविड संक्रमण के तेजी से...
More »वाराणसी में कोरोना मौतों को लेकर राज्य सरकार और नगर निगम के आंकड़ों में अंतर
-द वायर, कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के बीच उत्तर प्रदेश प्रशासन पर आरोप लगे हैं कि वे कोरोना वायरस महामारी से होने वाली मौतों का सही आंकड़ा नहीं बता रहे हैं. शवदाह गृहों, श्मशान घाटों, कब्रिस्तानों पर अपने प्रियजनों के अंतिम संस्कार के लिए लगीं लंबी लाइनें दर्शाती हैं कि सरकारी दावों की तुलना में समस्या और भयावह है. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के बाद अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकसभा क्षेत्र वाराणसी के शवदाह गृहों...
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