SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 55

अचानक बाढ़ और सूखे जैसे हालात से प्रभावित हो रही है असम की खेती

मोंगाबे हिंदी, 28 जून साल 2022 में असम में हुई रिकार्ड तोड़ बारिश के बाद आई बाढ़ पिछले एक दशक में राज्य में आई सबसे भयावह बाढ़ थी। इसके ठीक पहले असम के कुछ जिलों में सूखे जैसे हालत थे और किसानों की फसलों की बुवाई भी देरी से हो पा रही थी। एक साल बाद 2023 के मार्च महीने में प्री-मॉनसून के मौसम में असम में जरूरत से ज्यादा बारिश...

More »

असम में बाढ़ से स्थिति अब भी गंभीर, 4 लाख से अधिक लोग प्रभावित, हजारों हेक्टेयर फसल डूबी

 दिप्रिंट, 26 जून असम में बाढ़ से स्थिति भयावह हो गई है. असम के 15 जिलों के करीब 4 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं. असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के अनुसार, बजाली, बक्सा, बारपेटा, दरांग, धुबरी, डिब्रूगढ़, गोलपारा, गोलाघाट, जोरहाट, कामरूप, लखीमपुर, नागांव, नलबाड़ी और तामुलपुर जिलों में 37 राजस्व मंडलों के अंतर्गत 874 गांव बाढ़ से प्रभावित है. अकेले बारपेटा जिले में 1.70 लाख लोग प्रभावित हुए हैं,...

More »

लखीमपुर खीरी में मारे गए किसानों के परिजन हैं मोदी और योगी पर ग़ुस्सा

बीबीसी हिंदी, 3 अक्टूबर "सर क्या बताएँ वो मंत्री, हम छोटे किसान, तभी तो कुचले गए हैं, मारे गए हैं. उम्मीद क्या बताएँ आपको, अब उम्मीद तभी होगी जब न्याय मिलेगा." कहते-कहते परमजीत कौर की आँखें डबडबा जाती हैं. अपने दुपट्टे से आँसुओं को पोंछ कर कहती हैं, "तीन तारीख़ आ रहा है मन बहुत दुखी हो रहा है." दलजीत उन चार किसानों और पत्रकारों में से एक थे, जिन्हें पिछले साल तीन...

More »

आखिर सरकार ने मानी आवारा पशुओं की समस्या की बात

-रूरल वॉइस, नगलिया बल्लू, चंदौसी, संभल, निघासन, लखीमपुर खीरी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि आवारा पशुओं की समस्या से निजात पाने के लिए 10 मार्च के बाद नई व्यवस्था लागू की जाएगी। उनका आशय यह था कि 10 मार्च को नतीजे आने के बाद उत्तर प्रदेश में फिर भाजपा की सरकार बनेगी, तब इस समस्या पर विचार किया जाएगा। गौरतलब है कि किसान कई वर्षों से इस समस्या से...

More »

केंद्र सरकार को अपना वायदा याद दिलाने के लिए देशभर में सड़कों पर उतरे किसान

-न्यूजक्लिक, संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर 31 जनवरी को देश भर में किसानों ने "विश्वासघात दिवस" मनाया और जिला और तहसील स्तर पर बड़े रोष प्रदर्शन आयोजित किए। मोर्चे से जुड़े सभी किसान संगठनों ने इसमें भागीदारी की है। किसान संगठनों ने दावा किया कि यह कार्यक्रम देश के कम से कम 500 जिलों में आयोजित किया गया है। जिसमें बड़ी सभाएं और जुलूस शामिल थे, जहां प्रदर्शनकारियों ने जिला...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close