-द लल्लनटॉप, फेसबुक इंडिया के अधिकारियों और बीजेपी के बीच कथित साठगांठ के अपने आरोप को लेकर अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल ने नया दावा किया है. अखबार ने फेसबुक इंडिया की पॉलिसी हेड अंखी दास पर आरोप लगाया है कि वह नरेंद्र मोदी की समर्थक हैं. इस आरोप को कांग्रेस पार्टी ने नया हथियार बना लिया है. आइए जानते हैं, क्या है पूरा मामला. वॉल स्ट्रीट जर्नल ने अपनी रिपोर्ट में...
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यूनियन कार्बाइड से लेकर फेसबुक और ब्लूम्सबरी तक सभी बहुराष्ट्रीय कंपनियां भारत में अपनाती हैं दोहरा मानदंड
-कारवां, क्या भोपाल गैस त्रासदी के वक्त यूनियन कार्बाइड के तत्कालीन सीईओ वारेन एंडरसन, फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग और ब्लूम्सबरी के सीईओ नाइजिल न्यूटन के बीच कोई समानता है? उनमें एक समानता उनका यह विश्वास है कि उन्हें भारत में कारोबार करते हुए उन मानकों का पालन नहीं करना होगा जो वे पश्चिमी लोकतंत्र में कारोबार करते समय अपनाते हैं. इन लोगों को विश्वास है कि मुनाफे के लिए वे भूतपूर्व...
More »नौकरियों के लिए मुश्किल भरे दिन-- आकार पटेल
भारत ने उस प्रक्रिया की ओर बढ़ना शुरू कर दिया है, जिसे अनेक लोग बीते दो दशक का सबसे महत्वपूर्ण आर्थिक सुधार मान रहे हैं. वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करने से अप्रत्यक्ष कर सरल होंगे और कुछ लोगों की समझ में इससे आर्थिक वृद्धि को गति मिलेगी. कुछ इससे सहमत नहीं हैं, लेकिन उनकी नजर में भी यह एक अहम सुधार है. हम अन्य किन सुधारों की उम्मीद...
More »सर्वे में खुलासाः भारत दुनिया की भ्रष्टतम कंपनियों वाले देशों में से एक
वाशिंगटन। दुनियाभर की स्थानीय एवं बहुराष्ट्रीय कंपनियों पर किए गए सर्वेक्षण में भारत को दुनिया की भ्रष्टतम कंपनियों वाले देशों में से एक माना गया है। इकोनॉमिस्ट इंटेलीजेंस यूनिट द्वारा किए गए और न्यूयॉर्क की सलाहकार फर्म 'क्रॉल इंक' द्वारा प्रमाणित इस सर्वे में दुनियाभर के लगभग 770 वरिष्ठ कार्यकारी अधिकारियों ने हिस्सा लिया। इन अधिकारियों से 2014 में अपनी कंपनियों में किसी भी तरह की धोखाधड़ी के मामलों के...
More »डर तो यह है कि और न पिछड़ जाएं -फारूक तिरमिजी
नरेंद्र मोदी भारत के प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ लेने जा रहे हैं, तो पाकिस्तानियों के मन में बेचैनी है। लेकिन यह बेचैनी गलत कारणों को लेकर है। ज्यादातर पाकिस्तानी मोदी के हिंदू राष्ट्रवाद को लेकर सशंकित हैं, जबकि इसका सीधा कोई प्रभाव हम पर नहीं पड़ने जा रहा है। इस बीच हम उस तथ्य को अनदेखा कर रहे हैं, जिसे लेकर हमें वास्तव में चिंतित होना चाहिए। यह है...
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