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नीति आयोग से बोले CM, आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका का बढ़े मानदेय

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नीति आयोग को सुझाव दिया कि मिड डे मील योजना और आंगनबाड़ी केंद्रों पर दिये जा रहे पोषाहार को बंद कर उसकी राशि सीधे लाभार्थी के खाते में दी जाये. साथ ही केंद्र से आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका और मिड डे मील के तहत रसोइयों का मानदेय बढ़ाने का अनुरोध किया. उन्होंने सुझाव दिया कि केंद्र प्रायोजित योजनाओं में ऐसे कर्मियों को संविदा पर...

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फर्जी डिग्री पर नौकरी कर रहे दो हजार से ज्यादा अध्यापक

भोपाल। प्रदेश में दो हजार से ज्यादा अध्यापक डीएड (डिप्लोमा इन एजुकेशन) की फर्जी डिग्री से नौकरी कर रहे हैं। यह मामला स्कूल शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अफसरों के सामने भी आ चुका है, लेकिन संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय अफसरों ने अध्यापकों को वर्ष 2019 तक डीएलएड (डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन) की डिग्री हासिल करने का मौका दे दिया है। वहीं संविदा शिक्षक भर्ती के दौरान 2011...

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शिक्षा की परीक्षा-- जगमोहन सिंह राजपूत

देश की शिक्षा व्यवस्था की वर्तमान स्थिति चिंताजनक है और इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि सरकारी शैक्षणिक संस्थानों की साख लगातार गिरती जा रही है। जिस प्रकार की घटनाएं सामने आ रही हैं वे बेहद चौंकाने वाली हैं। बिहार में 12वीं की परीक्षा में करीब 65 फीसदी विद्यार्थी फेल हो गये। क्यों फेल हो गए, क्योंकि वहां योग्य शिक्षकों का घोर अकाल हो गया है। संविदा शिक्षकों की...

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15000 स्कूलों के बच्चों का भविष्य दांव पर

चिंताजनक. राज्य सरकार और पारा शिक्षकों के बीच खींचतान, मजाक बन गयी प्राथमिक शिक्षा कुछ मामलों में राज्य सरकार के शिक्षा विभाग की नीतियां स्पष्ट नहीं होने से राज्य की प्राथमिक शिक्षा ध्वस्त होती जा रही है. मांगाें को लेकर आये दिन पारा शिक्षक, शिक्षा परियोजनाकर्मी और बीआरपी-सीआरपी के कर्मचारी हड़ताल कर रहे हैं. इससे खासकर ग्रामीण इलाकों में स्कूलों की पढ़ाई ठप हो जा रही है. गौरतलब है कि राज्य...

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सरकारी स्कूलों में शिक्षा की खराब गुणवत्ता के लिए सिर्फ शिक्षकों को दोष देना उचित नहीं

देश के शिक्षा-संबंधी सभी अध्ययन और सर्वेक्षण इंगित करते हैं कि छात्रों का स्तर अपेक्षा से नीचे है. इस स्थिति के लिए आम तौर पर शिक्षकों को दोषी ठहरा दिया जाता है, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि हमारे विद्यालयों का इंफ्रास्ट्रक्चर और शिक्षकों के प्रशिक्षण की व्यवस्था बेहद लचर है. देश में एक लाख से अधिक विद्यालय ऐसे हैं, जहां सिर्फ एक शिक्षक है. अधिकतर विद्यालयों में छात्र-शिक्षक अनुपात...

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