माना जाता है कि सभ्यताओं का विकास नदियों के किनारों पर ही हुआ है। लेकिन हम जिस दौर में जी रहे हैं और विकास की जिस अंधाधुंध दौड़ में शामिल हो गए हैं, उसने सबसे पहला हमला हमारी नदियों पर ही किया है। एक ओर नदियों को प्रदूषित किया जा रहा है तो दूसरी ओर कई नदियां विलुप्ति के कगार पर हैं या विलुप्त हो चुकी हैं। नदियों के शुद्धीकरण...
More »SEARCH RESULT
परंपरागत तरीकों से सूखे की समस्या को मात देते लोग - पंकज चतुर्वेदी
अभी देश से मानसून बहुत दूर है और भारत का बड़ा हिस्सा सूखे, पानी की कमी व पलायन से जूझ रहा है। बुंदेलखंड के तो सैकड़ों गांव वीरान होने शुरू भी हो गए हैं। एक सरकारी आंकड़े के मुताबिक, देश के लगभग सभी हिस्सों में बड़े जल संचयन स्थलों (जलाशयों) में पिछले साल की तुलना में कम पानी बचा है। यह सवाल हमारे देश में लगभग हर तीसरे साल खड़ा...
More »परंपरागत तरीकों से सूखे की समस्या को मात देते लोग-- पंकज चतुर्वेदी
अभी देश से मानसून बहुत दूर है और भारत का बड़ा हिस्सा सूखे, पानी की कमी व पलायन से जूझ रहा है। बुंदेलखंड के तो सैकड़ों गांव वीरान होने शुरू भी हो गए हैं। एक सरकारी आंकड़े के मुताबिक, देश के लगभग सभी हिस्सों में बड़े जल संचयन स्थलों (जलाशयों) में पिछले साल की तुलना में कम पानी बचा है। यह सवाल हमारे देश में लगभग हर तीसरे साल खड़ा...
More »बिहार--1254 में से 330 गांवों में ही पहुंचायी बिजली: रामकृपाल
पटना: पटना जिले में चल रही ज्यादातर सरकारी योजनाओं का बुरा हाल है. न तो स्थानीय अधिकारी ठीक से काम कर रहे हैं, न ही मॉनीटरिंग ही ठीक ढंग से हो पा रही है. चिंतनीय हालात हो गये हैं. यह कहा जा सकता है कि पटना राज्य में पिछड़ रहा है. यह कहना है सांसद रामकृपाल यादव का. समाहरणालय में निगरानी एवं अनुश्रवण समिति की बैठक में समीक्षा के बाद...
More »हाथी के दांत बन गये सरकारी नलकूप
अधिकतर किसान सिंचाई के लिए नहरों पर निर्भर रहते हैं. पिछले कई वर्षों से एक ओर किसानों को मौसम की बेरुखी का मार सहना पड़ता है, तो दूसरी ओर नहरों में पानी नहीं आने से उनकी परेशानी बढ. जाती है. आर्थिक रूप से कमजोर किसान उम्मीद लगा कर धान की रोपनी तो करते हैं, पर मौसम की बेवफाई के कारण धान की फसल बेजान हो जाती है. नहर में पानी नहीं...
More »