SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 33

वादा 50 सौर चरखा परियोजनाओं का लेकिन मई 2019 से बंद है पायलट प्रोजेक्ट

-कारवां, दक्षिण बिहार के नवादा जिले के खानवन गांव की 45 वर्षीय साधना देवी के लिए 31 जनवरी 2016 का दिन खुशियों भरा था. असल में उस दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने चर्चित रेडियो शो मन की बात में उनका जिक्र किया था. साधना ने जनवरी में प्रधानमंत्री को एक पत्र लिख गांव में सोलर या सौर चरखा केंद्र खोलने पर मोदी की प्रशंसा की थी और आभार व्यक्त किया...

More »

नेतृत्व जो जनजातियों को नहीं मिला- रामचंद्र गुहा

भारतीय संविधान ने दो सामाजिक समूहों को विशेष रूप से वंचित माना है। पहला, अनुसूचित जाति, जिसे बोलचाल की भाषा में दलित कहा जाता है, जबकि दूसरा समूह है अनुसूचित जनजाति, जिसे अमूमन आदिवासी माना जाता है। दोनों समूह अपनी रचना में असाधारण रूप से एक-दूसरे के विपरीत हैं। भाषा, जाति, गोत्र, धर्म और आजीविका जैसे तमाम मामलों में पूरी तरह से जुदा। आंध्र प्रदेश की मडिगा जाति और उत्तर...

More »

जिस गांव को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोद लिया था क्या वह ‘आदर्श’ बन पाया?

वाराणसी: 2014 का लोकसभा चुनाव जीतने और प्रधानमंत्री बनने के बाद वाराणसी के सांसद नरेंद्र मोदी ने ज़िले के जयापुर गांव को सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत गोद लिया था. जिसका मक़सद इस गांव को आदर्श गांव बनाना था. एक ऐसा गांव जिसका नाम विश्वपटल पर लिया जा सके. अब पांच साल बीतने को है, लोकसभा चुनाव हो रहे हैं लेकिन जयापुर वो आदर्श गांव नहीं बन पाया, जिसका सपना...

More »

तमिलनाडु में महात्मा की चमक-- रामचंद्र गुहा

महात्मा गांधी आधुनिक युग के ऐसे इंसान हैं, जो किसी भी अन्य भारतीय की अपेक्षा अपने होने को सार्थक करते हैं। एक ऐसे हिंदू, जिन्होंने मुसलमानों के समान अधिकारों के लिए अपना करियर तो समर्पित किया ही, जीवन भी बलिदान कर दिया। 1922 में राजद्रोह के मुकदमे की सुनवाई कर रहे अंग्रेज जज ने पेशा पूछा, तो उनका जवाब था- ‘किसान और बुनकर'। जीवन यापन के दो ऐसे तरीके, जो...

More »

न्याय की प्रतीक्षा में आदिवासी!- सी आर मांझी

भारतीय संविधान के आधार पर आदिवासियों की पहचान को अनुसूचित जनजातियों के नाम से जाना जाता है. परंतु यह सर्वज्ञात है कि भारत की आजादी के पूर्व और आजादी के बाद भी व्यावहारिक दृष्टिकोण से आदिवासी समुदाय में कोई विशेष परिवर्तन नहीं आया है. यह समाज अपने स्तर से अपनी असली आदिवासी की पहचान एवं परिचय को संजोकर आदिम परंपरागत निष्ठा, निश्छलता, आदर्श एवं धार्मिक आस्था को बनाये रखा...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close