-बीबीसी, केंद्र सरकार ने पिछले वित्तीय वर्ष के अंतिम दिन छोटी बचत पर मिल रहे ब्याज दरों को कम करने का फ़ैसला किया, लेकिन इसके अगले दिन गुरुवार को ही यानी नए वित्तीय वर्ष के पहले दिन इस फ़ैसले को वापस ले लिया गया. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ट्वीट के ज़रिए इसकी जानकारी दी. उन्होंने लिखा, "छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरें 2020-21 की अंतिम तिमाही की दरें जितनी बनी रहेंगी."...
More »SEARCH RESULT
बड़ा झटका: PPF खातों को सामान्य में बदलने की तैयारी, वित्त विधेयक में है प्रस्ताव
वित्त मंत्री अरुण जेटली वित्तीय वर्ष 2018-19 में पेश किए गए बजट प्रस्ताव में प्रोविडेंट फंड अधिनियम को खत्म करने जा रहे हैं। विशेषज्ञों की माने तो केंद्र सरकार के इस कदम से आम जनता को बड़ा झटका लग सकता है। वित्त विधेयक 2018 में सरकार बचत प्रमाणपत्र अधियनियम-1959 और पीपीएफ अधिनियम 1968 को खत्म किए जाने का प्रस्ताव है। इन अधिनियमों से जुड़ी बचत योजनाओं को गवर्नमेंट सेविंग्स बैंक...
More »ब्याज व्यवहारिक दर जरूरी
अथक प्रयासों के बावजूद बड़े कारोबारी निजी निवेश करने में रुचि नहीं ले रहे हैं। उधर विदेशी संस्थागत निवेशक भारत में निवेश को लेकर उत्साहित नहीं हैं। ऐसे में वित्तमंत्री ने बैंकों और दूसरी वित्तीय संस्थाओं द्वारा जमा पर दिए जा रहे ज्यादा ब्याज पर सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है कि जमा पर अधिक ब्याज देने से कर्ज देने की लागत बढ़ जाती है। गौरतलब है कि ब्याज...
More »ये हैं देश की सूरत बदलने वाली मोदी सरकार की बड़ी योजनाएं
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 26 मई 2014 सत्ता संभालने के साथ ही केंद्र सरकार ने आम भारतीयों की जिंदगी में सुधार के लिए अनेकों फैसले किए। केंद्र सरकार अपनी योजनाओं को आम जन तक पहुंचाने के लिए जहां सोशल मीडिया का सहारा ले रही है। वहीं पार्टी की तरफ से सरकार की कामयाबी को बताने के लिए देशभर में 200 कार्यक्रमों को आयोजित करने का फैसला किया है।...
More »मोदी सरकार के 1 साल( विशेष आलेख, आलेख प्रभात खबर)
पिछले आम चुनाव के दौरान नरेंद्र मोदी का एक प्रमुख नारा था- ‘सबका साथ-सबका विकास'. अपने इस वादे पर अमल करते हुए सरकार ने पिछले एक साल में आम आदमी की समृद्धि और उन्हें आर्थिक सुरक्षा मुहैया कराने के उद्देश्य से कई नयी योजनाएं शुरू कीं. कुछ पिछली योजनाओं में भी तब्दीली करते हुए उन्हें नये नाम और प्रारूप में शुरू किया गया. जन-धन, बीमा और पेंशन आदि से जुड़ी...
More »