मोंगाबे हिंदी, 8 मई सुभाष वैष्णव, 52, राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के गुलाबपुरा कस्बे में रहते हैं। वह हर दिन सुबह 5 बजे उठते हैं और घर के रोजमर्रा के कामों को निपटा कर अपनी दुकान खोलने के लिए निकल पड़ते हैं। उनकी दुकान यहां से 20 किलोमीटर दूर, उनके पैतृक गांव रूपाहेली कला में स्थित है। चार साल पहले वैष्णव ने अपनी 30 साल पुरानी बिजली की दुकान और रूपाहेली...
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मौसमी शाकाहारी
कुछ लोग होते हैं मौसमी शाकाहारी. यानी खास मियाद के लिए वो विशुद्ध शाकाहारी बन जायेंगे. जैसे ही यह खास मियाद पूरी होगी तब शाक‘आहार’ के प्रवर्तक का चोला उतार कर टूट पड़ेंगे मांस–मछली पर. इन मौसमी शाकाहारियों को लगता है कि जिस मियाद के लिए वो मांस नहीं खा रहें हैं तब कोई और शख्स भी नहीं खाएगा. इसी पूर्वाग्रह को लेकर हाल ही में नवरात्रि पर कई जगह, स्वघोषित धर्म...
More »गरीबी और असमानता
[inside] इंडिया में आर्थिक असमानता: “अरबपति राज” में ब्रिटिश राज से भी ज्यादा है असमानता - रिपोर्ट [/inside] इंडिया के भौगोलिक आकार और जनसंख्या, जो अब दुनिया में सबसे अधिक है, को देखते हुए इंडिया में आर्थिक विकास का वितरण विश्व की आर्थिक असमानता पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालता है। इसलिए इंडिया में आय और संपत्ति की असमानता को सटीक रूप से मापना अत्यधिक आवश्यक है। हाल ही में वर्ल्ड इनइक्वलिटी डाटाबेस ने...
More »जेंडर
खास बात साल 2001 की जनगणना के अनुसार भारत में कुल श्रमशक्ति की तादाद 40 करोड़ है जिसमें 68.37 फीसद पुरुष और 31.63 फीसद महिला कामगार हैं। @ तकरीबन 75.38% फीसद महिला श्रमशक्ति खेती में लगी है। @ एफएओ के आकलन के मुताबिक विश्वस्तर पर होने वाले कुल खाद्यान्न उत्पादन का 50 फीसद महिलायें उपजाती हैं। # साल 1991 की जनगणना के अनुसार 1981 से 1991 तक पुरुष खेतिहरों की संख्या में 11.67 फीसदी की बढोतरी...
More »पारिवारिक हस्तक्षेप से कम हो सकता है हृदय रोग का खतरा
-इंडिया स्पेंड, जिन परिवारों में कई पीढ़ियों से हृदय संबंधी बीमारियां रही हों, उनमें पूरे परिवार को हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने वाला एक कार्यक्रम, कम उम्र में होने वाली कोरोनरी हार्ट डिजीज (रुकी हुई धमनियों से जुड़ी बीमारी) के खतरे को कम कर सकता है। केरल में 750 परिवारों पर की गई स्टडी से यह बात पता चली है। अक्टूबर, 2021 में 'द लैंसेट' में प्रकाशित इस स्टडी की मानें, तो...
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