SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 18

मुखिया अपने-अपने क्षेत्रों में बाल विवाह के लिए जिम्मेदार होंगे: बिहार सरकार

दिप्रिंट, 28 जुलाई  बिहार सरकार ने बृहस्पतिवार को सभी जिलाधिकारियों को राज्य में बाल विवाह निषेध अधिनियम का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने का निर्देश देते हुए कहा कि यदि किसी इलाके से अवैध विवाह की सूचना मिलती है तो संबंधित मुखिया को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जाएगा. पंचायती राज विभाग द्वारा जारी निर्देश में कहा गया है कि यदि किसी क्षेत्र से बाल विवाह की सूचना मिलती है तो सरकार संबंधित...

More »

ग्राम सभाओं की जरूरत-- डा. अनुज लुगुन

आम बजट में सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था को पांच ट्रिलियन डॉलर बनाने का लक्ष्य रखा है. बजट पर अर्थशास्त्रियों के अपने-अपने मत हैं. बीबीसी की वेबसाइट में प्रकाशित एक आर्थिक विश्लेषण में कहा गया कि अर्थव्यवस्था कहां होगी और अर्थव्यवस्था में कौन कहां होगा, ये दो अलग-अलग और महत्वपूर्ण सवाल हैं. हमारा सवाल भी यही है कि अर्थव्यवस्था में कौन कहां होगा? इस सवाल को आर्थिक से ज्यादा सामाजिक...

More »

साकार होता ग्राम-स्वराज का सपना - नरेंद्र सिंह तोमर

पंचायती राज के आधुनिक इतिहास में 24 अप्रैल 1993 को लागू हुआ 73वां संविधान संशोधन विधेयक मील का पत्थर है। इस विधेयक के पारित होने के लगभग दो दशकों तक यह कछुए की गति से चलता रहा। लेकिन नरेंद्र मोदी सरकार के गठन के बाद इसमें तेजी आई। राजनीतिक इच्छाशक्ति एवं ईमानदार कोशिश की बदौलत परवान चढ़ी पंचायती राज प्रणाली के माध्यम से ग्राम स्तर पर मौन क्रांति का सूत्रपात...

More »

पत्थलगड़ी : यूसुफ पूर्ति ने कहा- वर्जित क्षेत्र में घुस कर सीएम व प्रशासन कर रहे तानाशाही

खूंटी : खूंटी के भंडरा में पत्थलगड़ी के एक वर्ष पूरे होने पर शुक्रवार को स्थानीय बाजारटांड़ में सभा का आयोजन किया गया. इसमें वक्ताओं ने ग्राम सभा को सशक्त करने, पांचवीं अनुसूची क्षेत्र में रुढ़िवादी परंपरा से शासन व्यवस्था संभालने की बात कही. आदिवासियों से एकजुट होने की अपील की. सभा के दौरान वीर बिरसा मुंडा के जयकारे लगाये गये. सभा स्थल के चारों तरफ तीर-धनुष से लैस...

More »

अवैध प्रवासियों से कैसी हमदर्दी? - ब्रह्मा चेलानी

म्यांमार में अल्पसंख्यक रोहिंग्या मुसलमानों की दुर्दशा को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़ी चिंता जाहिर की जा रही है, लेकिन चिंता जताने वाले समस्या की जड़ को नहीं पहचान रहे हैं। उन्हें रोहिंग्या आतंकियों का जिहाद नहीं दिख रहा, जिन्होंने अपने हमलों को नई धार दी है। आम धारणा यह है कि हाल के वर्षों में सैन्य दमन के चलते रोहिंग्या अलगाववाद पनपा है, लेकिन तथ्य यह है कि म्यांमार...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close