कार्बनकॉपी, 5 जनवरी उत्तराखंड के जोशीमठ में पिछले कुछ दिनों में इमारतों और सडकों में दरारें आईं हैं और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर हटाने का काम जारी है। इसी बीच बुधवार की शाम आक्रोशित लोगों ने मशाल जुलूस निकालकर प्रदर्शन किया। जोशीमठ के लोग डरे हुए हैं क्योंकि यह एक अत्यधिक भूकंपीय क्षेत्र है जो सेस्मिक ज़ोन 5 में आता है। सवाल यह उठ रहे हैं कि जोशीमठ जैसे संवेदनशील हिमालयी भूभाग...
More »SEARCH RESULT
नाजुक चमोली सिर्फ ऊंचे पहाड़ों से नहीं बड़ी-बड़ी परियोजनाओं से भी घिरा है
-डाउन टू अर्थ, मुझे खबर मिली तो मैंने तत्काल जोशीमठ की एसडीएम को संपर्क किया, वह दौरे पर निकल गईं। मैंने हैलीपेड की व्यवस्था की और सुबह 10 बजे के बाद से ही हमने वायरलेस के जरिए आपदा नियंत्रण कक्ष से अधिकारियों से बातचीत और आदेशों की घोषणाएं शुरु कर दीं। 7 फरवरी, 2021 की सुबह हरिद्वार के आगे जोशीमठ तक आवाजाही बंद कर दी गई। आस-पास के जिलों में अधिकारियों...
More »सिंधु जल में अमेरिकी शिकार --- पुष्परंजन
मियार जल विद्युत परियोजना हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पीति जिले में है. 120 मेगावाॅट विद्युत पैदा करनेवाली इस परियोजना की पुनर्रचना करने के वास्ते भारत और पाकिस्तान सहमत हो गये हैं, ऐसी खबर रेडियो पाकिस्तान ने मंगलवार को दी. मियार जल विद्युत परियोजना के लिए पानी चिनाब नदी से प्राप्त होना है. ‘लोअर कलनाई हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट' के बारे में भी ऐसी ही खबर पाकिस्तान की सरकारी मीडिया ने...
More »सोलर पावर प्लांट लगायें-- भरत झुनझुनवाला
सरकार द्वारा न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप (एनएसजी) की सदस्यता हासिल करने के पुरजोर प्रयास किये जा रहे हैं. इस सदस्यता के हासिल होने के बाद दूसरे देशों से हमें यूरेनियम मिल सकेगा, जो परमाणु ऊर्जा का मुख्य ईंधन है. अपने देश में यूरेनियम कम ही उपलब्ध है. अतः परमाणु ऊर्जा के उत्पादन के लिए इस ग्रुप की सदस्यता अति आवश्यक है. ऊर्जा के चार प्रमुख स्रोत हैं- सोलर, न्यूक्लियर, थर्मल एवं...
More »उत्तराखंड त्रासदी के 3 साल: मोदी सरकार ने लिया ऐसा फैसला कि आ सकती है फिर वैसी तबाही
मध्य-हिमालय क्षेत्र में स्थित उत्तराखंड कम से कम 50 बड़े भूकंप और बाढ़ झेल चुका है, लेकिन 1803 में गढ़वाल में आए भूकंप के बाद दूसरी सबसे बड़ी अापदा (2013 में 19 जून को आई बाढ़) एक प्राकृतिक आपदा भर नहीं थी। इस आपदा को बनने में कई साल लगे थे। 2009 में बाढ़ और भू-स्खलन की एक श्रृंखला ने उत्तराखंड में 70 से ज्यादा की जान ली थी। वह एक...
More »