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चर्चा में.... | ' पीडीएस में बदलाव से 50 फीसदी लोगों की खाद्य-सुरक्षा पर असर पड़ेगा '
' पीडीएस में बदलाव से 50 फीसदी लोगों की खाद्य-सुरक्षा पर असर पड़ेगा '

' पीडीएस में बदलाव से 50 फीसदी लोगों की खाद्य-सुरक्षा पर असर पड़ेगा '

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published Published on Feb 13, 2015   modified Modified on Feb 24, 2015

 सार्वजनिक वितरण प्रणाली में किया जाने वाला कोई भी सुधार पर्याप्त सावधानी से किया जाना चाहिए क्योंकि पीडीएस में किये जाने वाले किसी भी बदलाव से कम से देश की 50 प्रतिशत से भी ज्यादा आबादी की खाद्य-सुरक्षा पर असर पड़ेगा।


यह बात आर्थिक मामलों में शोध की अग्रणी संस्था नेशनल काऊंसिल ऑफ अप्लॉयज इकॉनॉमिक रिसर्च(एनसीएआऱ) द्वारा हाल ही में जारी एक नोट में कही गई है।(देखें एनसीएआर की नोट की नीचे दी गई लिंक) एनसीएआर का नोट इंडियन ह्यूमन डेवलपमेंट सर्वे(2011-12) के आंकड़ों के नये विश्लेषण पर आधारित है। सर्वे में 33 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 42 हजार घरों को शामिल किया गया था।(देखें नीचे दी गई लिंक)


विश्लेषण के अनुसार साल 2004-05 से 2011-12 के बीच सार्वजनिक वितरण प्रणाली(पीडीएस) में बहुमुखी सुधार हुए हैं। सात सालों की अवधि में अंत्योदय और बीपीएल श्रेणी के कार्डधारियों की संख्या में बढोत्तरी हुई है और इसी के अनुकूल सात सालों में बीपीएल और अंत्योदय श्रेणी में खाद्यान्न की खरीद में भी इजाफा हुआ है। यह तथ्य पीडीएस के विस्तार और वंचित तबके के लोगों के पीडीएस पर बढ़ते विश्वास की सूचना है।


नोट के तथ्य बताते हैं कि अंत्योदय कार्डधारियों की संख्या में 3 प्रतिशत से बढ़कर 6 प्रतिशत और बीपीएल कार्डधारियों की तादाद 33 प्रतिशत से बढ़कर 35 प्रतिशत हो गई है। इसी के अनुकूल बीपीएल श्रेणी में पीडीएस से खाद्यान्न की खरीदारी 53.28% से बढ़कर 89.23% पर पहुंची है जबकि खाद्यान्न की कुल खरीदारी में अंत्योदय श्रेणी के अंतर्गत हुई खरीदारी का हिस्सा साल 2004-05 के 72.33% से बढ़कर साल 2011-12. में 90.39% हो गया है। जबकि एपीएल श्रेणी के कार्डधारियों में सात सालों की अवधि में महज चार प्रतिशत की कमी आई है जबकि इस श्रेणी के अंतर्गत खाद्यान्न की खरीद में 18 प्रतिशत से ज्यादा का इजाफा हुआ है।( संबंधित तथ्य नीचे विन्दुवार दिए जा रहे हैं)


गौरतलब है कि हाल में भारतीय खाद्य निगम के प्रबंधन में सुधार से संबंधित पूर्व खाद्यमंत्री शांताकुमार की अगुवाई में बीते अगस्त माह में बनी उचचस्तरीय समिति की एक रिपोर्ट में पीडीएस में सुधार की सिफारिश करते हुए खाद्य-सुरक्षा का दायरा कम करने की बात कही गई है। समिति की सिफारिशों में कहा गया है कि  67 प्रतिशत की जगह कुल 40 प्रतिशत आबादी को अनुदानित मूल्य पर खाद्यान्न दिया जाय। साथ ही समिति ने खाद्य सुरक्षा के दायरे में आने वाले परिवारों को प्रतिव्यक्ति प्रतिमाह पाँच किलो की जगह सात किलो अनाज देने की सिफारिश की है। समिति ने अपनी सिफारिश में यह भी कहा है कि चावल और गेहूं का मूल्य क्रमश तीन रुपये और दो रुपये प्रतिकिलो से बढ़ाकर उसे न्यूनतम समर्थन मूल्य का आधा कर दिया जाय; और  जिन राज्यों में सार्वजनिक वितरण प्रणाली को आदि से लेकर अंत तक कंप्यूटरीकृत नहीं किया गया है वहां अधिनियम का क्रियान्वयन विलंब से किया जाय।(देखें नीचे दी गई लिंक)


शांताकुमार समिति ने अपनी सिफारिश पीडीएस के खाद्यान्न में हो रही चोरबाजारी को रोकने के मद्देनजर की है। समिति ने साल 2011-12 के लिए 47 प्रतिशत खाद्यान्न की चोरबाजारी की बात कहते हुए पीडीएस में हुए हाल के सुधारों को नकार दिया है लेकिन अर्थशास्त्रियों के एक समूह का कहना है कि शांताकुमार समिति ने पीडीएस के खाद्यान्न में होनेवाली चोरबाजारी के लिए एनएसएसओ के आंकड़ों को आधार बनाया है लेकिन खाद्यान्न की चोरबाजारी से संबंधित एनएसएसओ के आंकड़े कई कारणों से अंतिम नहीं माने जा सकते और ये आंकड़े कई पीडीएस में हुए सुधार से संबंधित कई अन्य शोध-सर्वेक्षण के निष्कर्षों से मेल नहीं खाते।


इंडियन ह्यूमन डेवलपमेंट सर्वे(2011-12) के पीडीएस से संबंधित कुछ मुख्य बिन्दु--


पीडीएस में सुधार के किसी भी प्रयास से तकरीबन 50 प्रतिशत लोगों की खाद्य-सुरक्षा पर असर पड़ेगा।

साल 2004-05 से साल 2011-12 के बीच अंत्योदय कार्डधारियों की संख्या 3 प्रतिशत से बढ़कर 6 प्रतिशत हो गई है।

साल 2004-05 से साल 2011-12 के बीच बीपीएल कार्डधारियों की संख्या 33 प्रतिशत से बढ़कर 35 प्रतिशत हो गई है।

साल 2004-05 से साल 2011-12 के बीच एपीएल कार्डधारियों की संख्या 50% से घटकर 46% हो गई है।

पीडीएस के अन्तर्गत हुए खाद्यान्न की कुल खरीदारी में एपीएल श्रेणी के अन्तर्गत हुई खरीदारी का हिस्सा साल 2004-05 में 11.6% था जो साल 2011-12 में बढ़कर 29.11 प्रतिशत हो गया।

बीपीएल श्रेणी में यह आंकड़ा 53.28% से बढ़कर 89.23% पर पहुंचा है।

पीडीएस के अन्तर्गत हुए खाद्यान्न की कुल खरीदारी में अंत्योदय श्रेणी के अंतर्गत हुई खरीदारी का हिस्सा साल 2004-05 के 72.33% से बढ़कर साल 2011-12. में 90.39% हो गया है।

साल 2004-05 में एपीएल श्रेणी के उपभोक्ताओं के मद में पीडीएस में 4.6 किलोग्राम प्रतिव्यक्ति प्रतिमाह की खरीदारी हुई जो साल 2011-12 में घटकर 3.69 किलोग्राम प्रतिव्यक्ति प्रतिमाह हो गई है।

साल 2004-05 में बीपीएल श्रेणी के उपभोक्ताओं के मद में पीडीएस में 2.33 किलोग्राम प्रतिव्यक्ति प्रतिमाह की खरीदारी हुई जो साल 2011-12 में बढकर 4.32 किलोग्राम प्रतिव्यक्ति प्रतिमाह हो गई है। ठीक इसी तरह अंत्योदय श्रेणी में यह आंकड़ा 4.10 किलोग्राम प्रतिव्यक्ति प्रतिमाह से बढ़कर 5.69 किलोग्राम प्रतिव्यक्ति प्रतिमाह हो गया है।

 इस कथा के विस्तार के लिए कुछ उपयोगी लिंक--

India Human Development Survey Research Brief No. 1, 2015,

http://ihds.umd.edu/IHDS_files/ResearchBrief01.pdf

 

Understanding Leakages in the Public Distribution System by Jean Dreze and Reetika Khera, Vol-L, No. 7, February 14, 2015, http://www.epw.in/insight/understanding-leakages-public-di
stribution-system.html

 

Report of the High level Committee on Reorienting the Role and Restructuring of Food Corporation of India, January 2015, http://fciweb.nic.in/app/webroot/upload/News/Report perce
nt20of percent20the percent20High percent20Level percent20
Committee percent20on percent20Reorienting percent20the p
ercent20Role percent20and percent20Restructuring percent2
0of percent20FCI_English_1.pdf

 

Leakages from the Public Distribution System (PDS) and the way forward - Ashok Gulati and Shweta Saini (2015), ICRIER, http://icrier.org/pdf/Working_Paper_294.pdf

 

The National Food Security Act 2013

http://www.im4change.orghttps://im4change.in/siteadmin/tin
ymce//uploaded/NFSA percent202013.pdf

 

The National Food Security Ordinance 2013

http://www.im4change.orghttps://im4change.in/siteadmin/tin
ymce//uploaded/NationalFoodSecurityOrdinance2013.pdf

 

FCI reforms: prescription to cure or kill? -Roshan Kishore, Livemint.com, 27 January, 2015, http://www.im4change.org/latest-news-updates/fci-reforms-p
rescription-to-cure-or-kill-roshan-kishore-4675181.html

 

Water For The Leeward India -Jean Dreze and Reetika Khera, Outlook, 24 March, 2014,

http://www.im4change.org/latest-news-updates/water-for-the
-leeward-india-jean-dreze-and-reetika-khera-24521.html

 

Public Distribution System Reforms and Consumption in Chhattisgarh -Prasad Krishnamurthy, Vikram Pathania, and Sharad Tandon, Economic and Political Weekly, Vol-XLIX, No. 8, February 22, 2014, http://www.im4change.org/latest-news-updates/public-distri
bution-system-reforms-and-consumption-in-chhattisgarh-pras
ad-krishnamurthy-vikram-pathania-and-sharad-tandon-24265.h
tml

 

Ajay Chhibber, Director General of the IEO, a former assistant secretary general of the UN Development Programme, interviewed by Sanjeeb Mukherjee, Business Standard, 3 February, 2014, http://www.business-standard.com/article/economy-policy/th
ere-seems-to-be-at-least-40-leakage-in-our-targeted-pds-sy
stem-ajay-chhibber-114020200447_1.html
  

 

Rural Poverty and the Public Distribution System-Jean Dreze and Reetika Khera, Economic and Political Weekly, Vol-XLVIII, No. 45-46, November 16, 2013,  http://www.im4change.org/latest-news-updates/rural-poverty
-and-the-public-distribution-system-jean-dreze-and-reetika
-khera-23277.html

 

Reforming the Public Distribution System: Lessons from Chhattisgarh by Raghav Puri, Economic and Political Weekly, February 4, 2012, http://www.im4change.org/docs/335reforming-the-pds-lessons
-from-chhattisgarh.pdf

 

PDS leakage drops to 10-15 percent: govt, The Indian Express, 12 December, 2011, http://www.im4change.org/latest-news-updates/pds-leakage-d
rops-to-10-15-govt-11988.html

 

Revival of the Public Distribution System -Reetika Khera, Economic and Political Weekly, November 5, 2011, Vol xlvi, No. 44 & 45, http://www.epw.in/special-articles/revival-public-distribu
tion-system-evidence-and-explanations.html

 

Trends in diversion of PDS grain -Reetika Khera (2011), Working Paper No. 198, Centre for Development Economics, Department of Economics, Delhi School of Economics,

http://www.cdedse.org/pdf/work198.pdf    

 

PEEP survey 2013 and PDS Survey 2011, http://web.iitd.ac.in/~reetika/projects.html 

 



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