Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 150
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 151
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
न्यूज क्लिपिंग्स् | आख़िर क्यों मनरेगा मज़दूरों को नहीं मिलती उचित मज़दूरी?- देवमाल्या नंदी

आख़िर क्यों मनरेगा मज़दूरों को नहीं मिलती उचित मज़दूरी?- देवमाल्या नंदी

Share this article Share this article
published Published on May 3, 2019   modified Modified on May 3, 2019
महात्मा गांधी रोज़गार गारंटी क़ानून (मनरेगा) वह क़ानून है जिसके अंतर्गत देश में सबसे अधिक व्यक्तियों को रोज़गार मिलता है. प्रत्येक वर्ष लगभग 8 करोड़ ग्रामीणों को इस क़ानून के अंतर्गत ग्रामीण विकास के कार्यों में रोज़गार मिलता है.

मनरेगा के तहत काम करने वाले लोगों के लिए दैनिक मज़दूरी हर साल भारत सरकार द्वारा तय की जाती है ताकि महंगाई के साथ इनकी मज़दूरी भी बढ़े.

केंद्र की मोदी सरकार ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए मनरेगा की मज़दूरी दर की घोषणा कर दी है. इससे पहले कई मीडिया रिपोर्ट ऐसी आईं जिनमें यह जताने की कोशिश हुई कि मनरेगा में कार्यरत करोड़ों मज़दूरों की मज़दूरी दर में वृद्धि के लिए सरकार अपना पूरा ज़ोर लगा रही है और आदर्श आचार संहिता लागू होने के बावजूद सरकार ने चुनाव आयोग से विशेष अनुरोध कर मज़दूरी में बढ़ोतरी की अनुमति मांगी है.

चुनाव आयोग ने इस अनुरोध को स्वीकारते हुए मनरेगा मज़दूरी दर में परिवर्तन की अनुमति प्रदान कर दी. चुनाव आयोग की ओर से कहा गया है कि यह एक नियमित प्रक्रिया है, इसलिए मज़दूरी दरों में संशोधन को अनुमति प्रदान की गई है.

असल में केंद्र सरकार द्वारा मनरेगा मज़दूरी दर में परिवर्तन की घोषणा किसी राजनीतिक जुमले से कम नहीं, क्योंकि पिछले कई वर्षों से मज़दूरी में मामूली बढ़ोतरी या बढ़ोतरी नहीं होने के कारण देशभर में मनरेगा मज़दूर बेहद हताश हैं. इस वर्ष भी औसत मज़दूरी दर में महज़ 2.16 प्रतिशत की ही बढ़ोतरी हुई है. कई राज्यों में मज़दूरी दर एक रुपये भी नहीं बढ़ी.

पिछले कई वर्षों की तरह इस बार भी मजदूरों को सिर्फ़ निराशा हाथ लगी है और कठिन परिश्रम के बावजूद बेहद कम मज़दूरी दर और साथ में मज़दूरी भुगतान में देरी के कारण अब कई राज्यों में मज़दूर इस काम से मुंह फेर रहे हैं.

विडंबना यह भी है कि देश में दूसरे रोज़गारों की उपलब्धता इतनी कम है कि ग्रामीणों को मजबूरन मनरेगा में काम करना पड़ रहा है. इस स्थिति में यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि मनरेगा में कार्यरत सैकड़ों ग्रामीण पूरी तरह से बंधुआ मज़दूर बन गए हैं. उनके लिए न तो एक सम्मानजनक मानदेय है और न ही समय पर मज़दूरी मिलने की कोई उम्मीद.

द वायर हिन्दी पर प्रकाशित इस कथा को विस्तार से पढ़ने के लिएयहां क्लिक करें


http://thewirehindi.com/77436/mnrega-workers-minimum-wage-india-govt/


Related Articles

 

Write Comments

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close