Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 150
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 151
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
न्यूज क्लिपिंग्स् | नई उड़ान को तैयार अल्पसंख्यक- शाहनवाज हुसैन

नई उड़ान को तैयार अल्पसंख्यक- शाहनवाज हुसैन

Share this article Share this article
published Published on Aug 24, 2018   modified Modified on Aug 24, 2018
किसी भी राष्ट्र की तरक्की सीधे-सीधे उसके लोगों, उसकी आबादी की तरक्की से जुड़ी होती है। इसीलिए मोदी सरकार ‘सबका साथ-सबका विकास' के मूलमंत्र को लेकर आगे बढ़ रही है। अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों का सर्वांगीण विकास भी देश की इसी यात्रा का एक अहम हिस्सा है। प्रधानमंत्री जो ध्येय लेकर चल रहे हैं, उसका मकसद है- अल्पसंख्यक समुदाय का हर बच्चा शिक्षित हो, हर नौजवान प्रशिक्षित हो, हुनर रोजगार से जुडे़ और हर महिला सशक्त बने, स्वाभिमान से जिए। इन सभी आकांक्षाओं को धरातल पर उतारने का काम पूरे देश में तमाम प्रभावी और परिणाम देने वाली योजनाओं के जरिए किया जा रहा है।


सरकार का दृढ़ विश्वास है कि शिक्षा न सिर्फ अज्ञानता का अंधकार मिटाती है, बल्कि निर्माण की कई नई राहें भी इसकी बुनियाद पर बनती हैं। मुस्लिम बच्चे, किशोर-किशोरियां पढ़ें और तरक्की की राह पर आगे बढ़ें, इस मकसद को मंजिल तक पहुुंचाने के लिए तमाम योजनाएं बनाई गई हैं, जो उनकी हमकदम बनकर साथ चल रही हैं। ऐसी ही एक योजना है, ‘नई मंजिल'। ये उन किशोर और युवा लड़के-लड़कियों को ध्यान में रखकर बनाई गई है, जो किसी वजह से अपनी तालीम बीच में ही छोड़ देते हैं। ‘नई मंजिल' उन्हें एक मौका देती है, दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से अपनी 10वीं और 12वीं की पढ़ाई पूरी करने का और साथ ही कौशल प्रशिक्षण हासिल करके रोजगार पाने का। इस योजना के तहत साल 2016-17 के दौरान 22 राज्यों में करीब 69,840 प्रशिक्षुओं ने शिक्षा और कौशल प्रशिक्षण की राह चुनी।


इसी के साथ-साथ ‘सीखो और कमाओ' योजना भी है। इस योजना के माध्यम से 1,65,127 युवाओं ने कौशल प्रशिक्षण हासिल किया, जिनमें से 61,190 युवा अपने हुनर पर आधारित रोजगार हासिल करके अपना जीवन संवारने की राह पर बढ़ चुके हैं। इसके साथ-साथ ‘नया सवेरा' और ‘नई उड़ान' जैसी योजनाओं ने अल्पसंख्यक युवाओं को सशक्त बनाने और देश की प्रतिष्ठित प्रतियोगी परीक्षाओं में उनकी भागीदारी और सफलता सुनिश्चित करने का काम किया है और लगातार कर रही हैं।


इस बात से सब सहमत होंगे कि तालीम हमें बेहतर इंसान बनाती है और हुनर से हमारी जिंदगी आसान बनती है। प्रधानमंत्री मोदी अक्सर कहते हैं कि मुस्लिम युवाओं को हाथ का हुनर विरासत में मिलता है, जरूरत होती है, तो बस उसे तराशने और संवारने की और सरकार यह काम बखूबी कर रही है। इसका प्रमाण है मई 2015 में वाराणसी से शुरू की गई ‘उस्ताद'(अपग्रेडिंग द स्किल्सेऐंड ट्रेनिंग इन ट्रेडिशनल आट्र्स/ क्राफ्ट्स फॉर डेवलपमेंट योजना, जिसका मकसद है अल्पसंख्यक समुदाय की पारंपरिक कला और शिल्प की समृद्ध विरासत का संरक्षण और कुशल-अकुशल दस्तकारों, शिल्पकारों को बड़ी कंपनियों और बाजारों से प्रतियोगिता के लिए तैयार करना। देश भर में लगने वाले हुनर हाट भी इस दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।


इसके साथ ही राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास एवं वित्त निगम यानी एनएमडीएफसी अल्पसंख्यकों को अपना रोजगार शुरू करने के लिए बहुत कम ब्याज दर पर लोन उपलब्ध कराता है। इस वित्त वर्ष में एनएमडीएफसी की तरफ से 1,08,494 लाभार्थियों को 515.90 करोड़ रुपये का कर्ज उपलब्ध कराया गया। वहीं मुद्रा योजना से बिना गारंटी लोन का लाभ अब तक जिन 13.5 करोड़ लोगों तक पहुंचा है, उनमें 39 प्रतिशत अल्पसंख्यक समुदाय से आते हैं। ये वे नौजवान हैं, जिनके पास हुनर तो था, मगर कुछ कर गुजरने की हिम्मत मुद्रा लोन के जरिए मिली। आज ये युवा अपनी कामयाबी की कहानी खुद लिख रहे हैं।


सरकार के प्रयासों का एक और परिणाम यह है कि आज हमारी महिलाएं देश को आगे बढ़ाने में बराबर की भागीदार हैं। ‘महिलाओं के नेतृत्व में हो देश का विकास' प्रधानमंत्री के इस विचार को अमलीजामा पहनाने के लिए कई काम किए जा रहे हैं। जहां तक अल्पसंख्यक स्त्रियों के सशक्तीकरण की बात है, तो इस दिशा में भी बहुत से काम हो रहे हैं। ‘नई रोशनी' योजना भी एक ऐसी ही सार्थक पहल है, जिसके जरिए हुनरमंद महिलाओं को प्रशिक्षण देने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का काम किया जा रहा है। आत्मनिर्भर और आत्मविश्वास से लबरेज ये महिलाएं न सिर्फ अपने परिवार, बल्कि पूरे समुदाय और समाज का भविष्य बदलने को तैयार हो रही हैं।


इसके अलावा, हज सब्सिडी खत्म करके उससे बची 700 करोड़ रुपये की राशि को मुस्लिम बच्चियों की पढ़ाई में लगाने की बात हो या फिर तीन तलाक के मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी का मुस्लिम महिलाओं के साथ खड़े होने और उन्हें न्याय दिलाने का प्रण, ये सब अल्पसंख्यक महिलाओं के सशक्तीकरण को लेकर सरकार की प्रतिबद्धता जाहिर करते हैं।


अल्पसंख्यकों के वर्तमान को समृद्ध बनाने और उनसे जुड़ी विरासत और परंपराओं को संरक्षित करने का जज्बा जितना इस समय देखने को मिला है, उतना शायद ही पहले कभी रहा हो। ‘हमारी धरोहर योजना' के तहत अल्पसंख्यक समुदायों की आस्था और परंपराओं से जुड़ी इमारतों को सहेजने का काम उस सोच को साझा करता है, जो अकेले आगे बढ़ने में नहीं, बल्कि सबको साथ लेकर और सबके साथ बढ़ने में विश्वास रखती है। (ये लेखक के अपने विचार हैं)


https://www.livehindustan.com/blog/story-bjp-spokesperson-shahnawaz-hussain-article-in-hindustan-on-22-august-2134523.html


Related Articles

 

Write Comments

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close