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न्यूज क्लिपिंग्स् | कम मानदेय ज्यादा काम, UP रोडवेज़ के 35000 संविदा कर्मियों का खतरे में रोजगार

कम मानदेय ज्यादा काम, UP रोडवेज़ के 35000 संविदा कर्मियों का खतरे में रोजगार

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published Published on Mar 11, 2021   modified Modified on Mar 12, 2021

-न्यूजलॉन्ड्री, 

मेरे पति नीरज परिवहन निगम में ड्राइवर के तौर कार्य करते थे. बस जब दुर्घटनाग्रस्त हुई, उस समय 53 लोग सवार थे. अगर यात्रियों की चिंता छोड़ वह बस से कूद गये होते तो अधिक से अधिक हाथ-पैर टूटता, उन्होंने ऐसा नहीं किया. बीमा राशि के लिए मैंने परिवहन निगम के अधिकारियों से मुलाकात की तो उन्होंने नीरज के लाइसेंस को ही फर्जी बता दिया. सरकारी होने के इंतजार में उन्होंने 15 वर्षों तक परिवहन निगम की बस चलायी, फर्जी लाइसेंस से? यह कहना है मंशा देवी का जिनके पति की मौत 11 अगस्त 2020 को एक सड़क दुर्घटना में हो गई थी.

वह आगे कहती हैं, “दुर्घटना के बाद से अभी तक उनका लाइसेंस नहीं मिला कि मैं यह पता लगा सकूं, वह फर्जी था या नहीं. मुझे अभी तक केवल ईपीएफ की सुविधा मिली है. परिवहन निगम की बसों का संचालन पूरी तरह से संविदाकर्मियों पर निर्भर है, लेकिन उनके बाद परिवार की सुध लेने वाला कोई नहीं.”

उत्‍तर प्रदेश के देवरिया डिपो में कार्यरत चालक नीरज दुबे की बस दिल्ली मार्ग पर सीतापुर के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी. नीरज के वेतन से प्रति वर्ष 344 रुपये बीमा किश्त के तौर पर कटते थे. नीरज दुबे ने देवरिया, गोरखपुर और फिर देवरिया डिपो पर लगातार 15 वर्षों तक काम किया है. यदि उनका लाइसेंस फर्जी था तो 15 वर्षों तक उन्होंने नौकरी कैसे कर ली? क्या जिम्मेदारों ने नियुक्ति के समय लाइसेंस की जांच नहीं की थी?

परिवार को बीमा राशि का भुगतान तो नहीं हुआ लेकिन यात्री राहत कोष से परिवार को आर्थिक सहायता मिलने की उम्मीद है, हालांकि क्षेत्रीय प्रबंधक पीके तिवारी ने नीरज के लाइसेंस को फर्जी बताने के आरोप को खारिज करते हुए कहा, “मैंने ऐसा नहीं कहा था, बीमा रकम के बारे में कंपनी अपने स्तर पर कार्रवाई करेगी.”

संविदा चालक/परिचालक संघर्ष समिति के प्रदेश अध्यक्ष संजय सिंह कहते हैं, “स्वर्गीय नीरज की पत्नी के साथ मैं भी मौजूद था. मैंने पूछा यदि नीरज का लाइसेंस फर्जी था तो उसकी नियुक्ति कैसे हो गई? यह सुनते ही क्षेत्रीय प्रबंधक भड़क गये. बीमा सुविधा के तहत परिवार को 5 लाख रुपये मिलना चाहिए. फर्जी लाइसेंस का बहाना बनाकर नीरज के परिवार को बीमा राशि से वंचित किया जा रहा है.“

पूरी रपट पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें. 


सत्येन्द्र सार्थक, https://www.newslaundry.com/2021/03/11/35000-contract-workers-of-up-roadways-at-risk-of-employment


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