Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 150
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 151
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
न्यूज क्लिपिंग्स् | 71 सांसदों ने जताई बेबसी, चपरासी भी नियुक्त नहीं कर सकते

71 सांसदों ने जताई बेबसी, चपरासी भी नियुक्त नहीं कर सकते

Share this article Share this article
published Published on Dec 5, 2011   modified Modified on Dec 5, 2011

नई दिल्ली/जयपुर/भोपाल/रांची/चंडीगढ़/रायपुर/अहमदाबाद. युवाओं को काम दिलाने के मसले पर अलग-अलग राज्यों के 58 वरिष्ठ सांसदों की पीड़ा है कि उनके हाथ बंधे हैं। सब कुछ नौकरशाहों के हाथ में है। हमारे अधिकार सीमित हैं। बीकानेर के सांसद अर्जुनराम मेघवाल बताते हैं कि वे अपने इलाके में सिलिकॉन यूनिट नहीं लगा पाए। कई और काम हैं, जिनमें अड़ंगे लगे।

 

  


दैनिक भास्कर ने देश के लॉ-मेकर सांसदों से पांच सवाल पूछे। अधिकतर यह नहीं बता सके कि रोजगार के अवसर बढ़ाने के उनके प्लान क्या हैं? रायपुर से सांसद रमेश बैस छह बार लोकसभा के लिए चुने जा चुके हैं। वे कहते हैं, मेरे पास काम की तलाश में जो भी युवा आते हैं, उनके लिए सिफारिशी पत्र जारी किए। लेकिन कई बार नौकरी फिर भी नहीं मिल पाती। ग्वालियर सांसद यशोधराराजे सिंधिया तीन बड़े उद्योग लाने की कोशिश कर रही हैं। इनमें विजय माल्या के यूबी ग्रुप की बीयर यूनिट भी शामिल है। सरकारी विभागों में अनुकंपा नियुक्तियों के लिए जारी पत्रों को भी उन्होंने अपने प्रयासों में शामिल किया है।  

 

 


कितने युवाओं को आपकी कोशिशों से काम मिला? इसका सीधा जवाब भी ज्यादातर सांसदों के पास नहीं है। पलामू के सांसद कामेश्वर बैठा, भरूच के मनसुख वसावा व बस्तर के दिनेश कश्यप ने पांच-पांच सौ लोगों को काम दिलाने की बात की। सरगुजा के मुरारीलाल सिंह का दावा है कि अपने 22 लाख आबादी में से साठ फीसदी को विभिन्न सरकारी योजनाओं में काम दिलाया।

 

  


रोजगार गारंटी योजना के जरिए मिले काम को कई सांसद अपने खाते में दर्ज करना नहीं भूले। लेकिन गुजरात में पंचमहाल से सांसद प्रभातसिंह चौहाण ने साफ कहा, इस योजना में घपले ही घपले हैं। चतरा से सांसद इंदरसिंह नामधारी भी कहते हैं, ‘मनरेगा में भयंकर लूट है। मैं इस भ्रष्टाचार से निपटने में ही लगा हूं।’

 

  


छह बार से सांसद झारखंड के पूर्व मुख्‍यमंत्री शिबू सोरेन प्रशासनिक अफसरों के रवैए से परेशान दिखे। वे मानते हैं कि अफसरों का सहयोगपूर्ण हो तो पलायन काफी हद तक रोका जा सकता है। राजमहल के सांसद देवीधन बसेरा ने भी उनके सुर में सुर मिलाया, ‘नौकरशाही का नजरिया बदले बिना बड़े बदलाव की उम्मीद मत कीजिए।’

 

  


मध्यप्रदेश में धार के विक्रम वर्मा समेत 60 सांसदों ने माना कि काम की खातिर लोगों के घर छोडऩे के सिलसिले को रोका ही नहीं जा सकता। जबकि लुधियाना के सांसद मनीष तिवारी मानते हैं कि व्यक्ति की महात्वाकांक्षा और जरूरतों पर निर्भर है कि वह काम की तलाश में बाहर जाए या नहीं। इसलिए इसका जवाब हां या न में नहीं हो सकता।  

 

झाबुआ के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया ने सारे सवालों को मध्यप्रदेश के संदर्भ में लिया और सिर्फ राज्य सरकार को ही कुसूरवार मानते रहे। हिमाचलप्रदेश में हमीरपुर के सांसद अनुराग ठाकुर चाहकर भी नरेगा का 60 फीसदी पैसा बंदरों को भगाने के काम में इस्तेमाल नहीं करा पाए। वे कहते हैं कि फसलों को चौपट कर रहे बंदरों से निपटना बड़ी चुनौती है।  

 

'सांसद रहते किसी को नौकरी नहीं दे पाया। हम कर ही क्या सकते हैं। नौकरशाही हावी है। सांसद के रूप में लोग जितने अधिकार मानकर चलते हैं, उतने हैं नहीं। कहीं गड़बड़ होती है तो जनप्रतिनिधि जेल तक जाते हैं, लेकिन ब्यूरोक्रेट का बाल भी बांका नहीं होता। -किरोड़ी लाल मीणा, सांसद, दौसा



http://www.bhaskar.com/article/SPLDB-questions-to-mps-regarding-employment-2578944.html?SL2=


Related Articles

 

Write Comments

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close