Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 150
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 151
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
न्यूज क्लिपिंग्स् | अर्थव्यवस्था की खातिर मोदी और RBI के लिए 2022 का मंत्र- शांति से सुधार जारी रखें

अर्थव्यवस्था की खातिर मोदी और RBI के लिए 2022 का मंत्र- शांति से सुधार जारी रखें

Share this article Share this article
published Published on Dec 31, 2021   modified Modified on Jan 4, 2022

-द प्रिंट, 

भारत जब वर्ष 2022 में प्रवेश कर रहा है, नरेंद्र मोदी सरकार के लिए ये कई चुनौतियां मुंह बाये खड़ी हैं- कोविड की नयी लहर, वृहत अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर स्थिरता बनाए रखना, आर्थिक वृद्धि की दर में सुधार के लिए आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ाना.

ओमीक्रॉन

भारत को कोविड की नयी लहर का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन व्यापक टीकाकरण, वाइरस से लड़ने की क्षमता में वृद्धि और हमारी बेहतर तैयारियों के कारण इस बार जान और आजीविका की कम हानि होने की उम्मीद है.

2021 के शुरू में भारतीय अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे पटरी पर लौट रही थी कि कोविड की दूसरी लहर ने इस पर ब्रेक लगा दिया था. लेकिन टीकाकरण की गति बढ्ने और पाबंदियों में ढील दिए जाने के कारण आर्थिक वृद्धि की गति ने रफ्तार पकड़ ली. दूसरी लहर पहली से ज्यादा घातक रही लेकिन इसका असर मुख्यतः अप्रैल-जून की तिमाही पर पड़ा. उस तिमाही में वास्तविक जीडीपी कोविड से पहले वाले स्तर के मुक़ाबले 9.2 प्रतिशत कम थी लेकिन सितंबर वाली तिमाही में उसके बराबर हो गई थी. उम्मीद की जाती है कि ओमीक्रॉन भले तेजी से फैले, उससे लड़ने में हम ज्यादा सक्षम हुए हैं और अर्थव्यवस्था को इस बार कम झटका लगेगा.

वृहत अर्थव्यवस्था से जुड़ी नीतियां

फिलहाल वित्तीय या मौद्रिक प्रसार की गुंजाइश सीमित ही है. इसलिए मुद्रा नीति का सामान्यीकरण ही हो सकता है. नीति निर्माताओं को एक ओर धीमी आर्थिक वृद्धि की चिंताओं और दूसरी ओर कोविड की लहर तथा पाबंदियों के कारण ऊंची मुद्रास्फीति के बीच संतुलन बनाकर चलना होगा.

विकसित अर्थव्यवस्थाओं ने महामारी के झटकों का सामना करने के लिए बड़े वित्तीय पैकेज की घोषणा की है. लेकिन उभरती अर्थव्यवस्थाओं में वित्तीय गुंजाइश कम होने के कारण ज़्यादातर सहारा केंद्रीय बैंकों ने दिया, जिन्होंने आर्थिक नुकसान को कम करने के लिए उधार उपलब्ध कराने के कई कदम उठाए. इन कदमों में सरकारी बॉन्डों की बड़े पैमाने पर खरीद और बैंकों को आसान दरों पर उधार देना शामिल है ताकि वे परिवारों और व्यवसायों को उधार दे सकें.

पूरा लेख पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें. 


इला पटनायक, https://hindi.theprint.in/ilanomics/keep-calm-continue-reform-mantra-for-modi-govt-and-rbi-as-indian-economy-braces-for-2022/260251/


Related Articles

 

Write Comments

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close