Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 150
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 151
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
न्यूज क्लिपिंग्स् | उद्यानिकी ने बदल दी छत्‍तीसगढ़ के किसान की तकदीर

उद्यानिकी ने बदल दी छत्‍तीसगढ़ के किसान की तकदीर

Share this article Share this article
published Published on Mar 30, 2015   modified Modified on Mar 30, 2015
प्रकाश वर्मा, राजनांदगांव। एक समय था जब धान की फसल उगाकर किसान अपने परिवार की आवश्यक्‍ताएं ही पूरी नहीं कर पाता था, लेकिन आज वहीं किसान अपने साथ मजदूरों के परिवार की जरूरतों को भी पूरा कर रहा है।

ऐसी ही कुछ कहानी है छत्‍तीसगढ़ के राजनांदगांव में ग्राम नाथूनवागांव के किसान संतोष देवांगन की, जिनकी तकदीर और तस्वीर दोनों उद्यानिकी विभाग से जुड़ने के बाद पूरी तरह से बदल गई।

वर्तमान में किसान संतोष अपने 7 हेक्टेयर की कृषि भूमि में केले के साथ टमाटर का उत्पादन कर अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत कर रहा है। उनका सालाना मुनाफा लाखों रुपए में हैं।

उत्पादन व आमदनी भी बढ़ी

उद्यानिकी से जुड़ने के बाद किसान संतोष उद्यानिकी फसलों के उत्पादन के साथ अपनी आमदनी भी बढ़ रहा हैं। संतोष ने बताया कि कि पहले धान की फसलों में इतनी आमदनी नहीं होती थी, लेकिन उद्यानिकी की तकनीक से जुड़ने के बाद उन्होंने धान की पैदावार को मात दे दी। इसके लिए उन्हें विभागीय अधिकारियों का पूरा सहयोग मिला। उनके साथ मजदूर के रुप में दर्जनभर से ज्यादा लोगों का परिवार भी पल रहा है।

दूसरों को देखकर लिया निर्णय

अपने 7 हेक्टेयर की कृषि भूमि पर संतोष पहले धान की फसल उगाता था। उस समय कम उत्पादन के कारण वो अपने परिवार की जरूरतों को पूरा नहीं कर पाता था। इसके बाद सोयाबीन की खेती की, इसमें भी उन्हें नुकसान उठाना पड़ा। तब गुजराती कृषको को सब्जी की खेती कर अच्छी आय लेता देख उद्यानिकी की योजनाओं से जुड़ने का निर्णय लिया और आज अपने इस फैसले से आत्मनिर्भर बन गया है।

छह साल से सब्जी की खेती

वर्ष 2008-09 में श्री देवांगन ने अपने खेत में लौकी, करेला, टमाटर व अन्य सब्जी लगाना शुरू किया। विभागीय अधिकारियों के तकनीकी मार्गदर्शन से श्री देवांगन ने सिंचाई के लिए ड्रीप इरीगेशन सिस्टम लगाया। इसके लिए उन्हें विभाग से 4 हेक्टेयर में 2 लाख रुपए का अनुदान भी दिया गया।

वर्तमान में श्री देवांगन अपने 7 हेक्टेयर में लगाए जाने वाले सब्जियों की सिंचाई ड्रिप इरीगेशन सिस्टम से कर रहे हैं। खाद व दवा डालने में भी इसी सिस्टम का उपयोग करते हैं। इससे फसलों की गुणवत्ता के साथ उत्पादन में बढोत्तरी हुई है। सब्जी की फसलों को लगाने के लिए वो आधुनिक तकनीक प्लास्टिक मल्चिंग का भी उपयोग कर रहे हैं।

अब केले की खेती

फलो के उत्कपादन की जानकारी मिलने पर श्री देवांगन ने बीते वर्ष 2013-14 में अपने 4 हेक्टेयर खेत पर टिशुकल्चर केले की फसल लगाई है। केले के अच्छे उत्पादन को देख श्री देवांगन का कहना है कि आने वाले दिनों में वो पूरे 7 हेक्टेयर में केले की ही फसल उगाएंगे। उन्होंने कहा कि केले से अच्छा उत्पादन और आमदनी किसी फसल में नहीं होती। वर्तमान में श्री देवांगन ने केले के साथ टमाटर की खेती है।

पैक हाऊस भी किया तैयार

उद्यानिकी की योजनाओं से जुड़कर श्री देवांगन अपने खेत में उत्पादित होने वाली फसलों के सुरक्षित भंडारण के लिए पैक हाऊस भी तैयार कर रहे हैं। 8 मैट्रिक टन भंडारण क्षमता वाले पैक हाऊस का निर्माण विभाग द्वारा संचालित पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेंट योजना के तहत उन्हें डेढ़ लाख रुपए की सहायता भी मिली है।

साथ ही उन्होंने खेती के लिए खुद का ट्रैक्टर, रो टावेटर, पावर ट्रिलर, स्पेयर सहित अन्य उपकरनों की खरीदी कर ली है। इसके अलावा उन्होंने परिवार की जरुरतों को पूरा करने सर्व सुविधा युक्त मकान भी बना लिया है। आज की स्थिति से श्री देवांगन पूरी तरह संतुष्ट हैं।

नाथूनवागांव के साथ कई गांवों के किसानों को विभागीय योजनाओं के तहत लाभ दिया गया है, जिसके अनुसार किसान आत्मनिर्भर बन रहे हैं। लगातार किसानों को योजनाओं से जोडा जा रहा है। - नीरज शाह, सहायक संचालक, उद्यानिकी

 


- See more at: http://naidunia.jagran.com/special-story-horticulture-change-farmer-fate-in-chhattisgarh-village-336300#sthash.2tKNqS5l.dpuf


Related Articles

 

Write Comments

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close