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न्यूज क्लिपिंग्स् | उर्वरकों की सुलभता सुनिश्चित करने में जुटी केंद्र सरकार

उर्वरकों की सुलभता सुनिश्चित करने में जुटी केंद्र सरकार

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published Published on Nov 4, 2010   modified Modified on Nov 4, 2010
केंद्र सरकार रबी सीजन के दौरान किसानों को आवश्यकता के अनुरूप पर्याप्त उर्वरक सुलभ कराने के लिए प्रभावी तैयारियां करने में जुट गई है। सरकार की कोशिश है कि किसानों को उर्वरकों की किसी भी किल्लत का सामना न करना पड़े। सरकार का कहना है कि देश भर के किसानों को रबी के दौरान किसी भी प्रकार की उर्वरकों की किल्लत नहीं आने दी जाएगी। इसके लिए सरकार ने मांग के हिसाब से सप्लाई की पूरी व्यवस्था कर रखी है। उर्वरक मंत्रालय के संयुक्त सचिव सतीश चंद्रा ने बिजनेस भास्कर को बताया कि मंत्रालय ने 2010-11 के रबी सीजन के लिए उर्वरकों की उपलब्धता और जरूरत का आकलन कर लिया है। इस आंकलन के हिसाब से मांग से ज्यादा उर्वरकों की उपलब्धता है।

लिहाजा, देश भर के किसानों को किसी भी उर्वरक की किल्लत का सामना नहीं करना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि रबी सीजन के दौरान यूरिया की मांग 154.14 लाख टन रहने का अनुमान है जिसके बदले 162.37 लाख टन यूरिया मौजूद है। वहीं, डाय-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) की 52.17 लाख टन की संभावित मांग के मुकाबले 55.18 लाख टन डीएपी उपलब्ध है। इसी प्रकार म्यूरेट ऑफ पोटाश (एमओपी) की मांग 24.82 लाख टन हो सकती है लेकिन 28.08 लाख टन एमओपी की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है।

चंद्रा ने बताया कि इन आंकड़ों से जाहिर है कि देश भर के किसानों को रबी के दौरान किसी भी उर्वरक की उपलब्धता में कमी नहीं होगी। गौरतलब है कि अक्टूबर के दौरान देश के कुछ हिस्सों से उर्वरक किल्लत की खबरें आईं थी। इस पर चंद्रा ने बताया कि देश के कुछ हिस्सों में अक्टूबर के दौरान कुछ दिन के लिए दिक्कत आई थी। लेकिन, अब सभी जगह पर पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध हैं। कुछ राज्यों द्वारा अतिरिक्त मांग के सवाल पर चंद्रा का कहना है कि सभी राज्यों की उर्वरक मांग पूरी कर दी गई है और अगर सीजन के दौरान और मांग भी आती है तो उसे भी समय से पूरा कर दिया जाएगा।

यूरिया के फ्री प्राइस के लिए पैनल
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने यूरिया के मूल्य को नियंत्रण मुक्त करने के लिए एक पैनल का गठन किया है। विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार के इस कदम से लाखों किसान प्रभावित होंगे। केंद्र सरकार ने इस वर्ष फरवरी में सात उर्वरकों को नियंत्रण मुक्त कर दिया था। इस फैसले से इन उर्वरकों की कीमतों में बढ़ोतरी हो गई थी। इसके साथ ही सरकार ने फरवरी में यूरिया की कीमतों में भी 10प्रतिशत की बढ़ोतरी कर दी थी। केंद्र सरकार यूरिया पर २१४८0 करोड़ रुपये की सब्सिडी देती है। यह राशि सरकार के कुल बजट घाटे की 5.5प्रतिशत है। सरकार की कोशिश यूरिया पर दी जा रही सब्सिडी को घटा कर बजट घाटे को कम करने की है। इस पैनल के गठन से पहले वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी और उर्वरक राज्य मंत्री श्रीकांत जैना ने उर्वरक उद्योग के प्रतिनिधियों से बातचीत की है। (एजेंसी)

http://business.bhaskar.com/article/engaged-to-ensure-access-to-fertilizer-centre-1518833.html


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